Edited By Isha, Updated: 08 Mar, 2020 12:33 PM
गोहाना के आस पास के क्षेतर में पिछले तीन दिनों से लगातार तेज हवाओ के साथ साथ बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की चिंता को बड़ा दिया है
गोहाना(सुनील)- पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से हरियाणा के सात जिलों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को ताबड़तोड़ बारिश और ओलावृष्टि हुई। इससे लाखों हेक्टेयर में लगी सरसों, गेहूं और सब्जी की फसलों को 50 से 80 फीसदी तक नुकसान होने की आशंका है। मौसम के इस तेवर से किसानों के बंपर पैदावार के सपने बिखर गए हैं।
मौसम केंद्र चंडीगढ़ के मुताबिक हिसार में 23 साल बाद सबसे अधिक 37 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, रेवाड़ी में 54 एमएम बारिश हुई, जबकि पूरे हरियाणा में 12.5 एमएम औसत बारिश दर्ज की गई है। हिसार में 20 मार्च 1997 को रिकॉर्ड 42 एमएम बारिश हुई थी, मगर इस बार अरब सागर से भरपूर नमी आने से गुरुवार और शुक्रवार को दो दिनों में ही 47.2 एमएम बारिश हो गई। फाल्गुन में ऐसा मौसम फसलों और सेहत के लिए नुकसानदेह माना जाता है। महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, फतेहाबाद, रेवाड़ी, चरखी दादरी, सोनीपत समेत कई जिलों में लगातार तीसरे दिन ओले पड़ने और तेज हवाओं के साथ बारिश होने से फसलें तबाह हो गईं।
लगातार तीसरे दिन बारिश और ओलावृष्टि के बाद हिसार में दिन का तापमान सामान्य से 10 डिग्री नीचे आ गया। अधिकतम तापमान 18.5 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह नारनौल में अधिकतम तापमान सामान्य से 7 डिग्री तो करनाल में 6 डिग्री कम रहा।