BJP-JJP कार्यकाल में हरियाणा ने सिर्फ बेरोजगारी, महंगाई, अपराध व नशे में ही की तरक्की: भूपेंद्र हुड्डा

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Jul, 2022 07:11 PM

haryana made progress only because of unemployment bhupendra hooda

कानून-व्यवस्था को सुधारने में पूरी तरह विफल प्रदेश सरकार की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ...

चंडीगढ़ (धरणी) : कानून-व्यवस्था को सुधारने में पूरी तरह विफल प्रदेश सरकार की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज चंडीगढ़ स्थित आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 8 साल से सत्ता में होने के बावजूद सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा पूर्ववर्ती सरकार पर फोड़ना चाहती है। जबकि, सच यह है कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था का दिवाला पीट दिया है। आज प्रदेश में ना कानून बनाने वाले विधायक सुरक्षित हैं, ना ही कानून को लागू करवाने वाली पुलिस और ना ही आम आदमी। माइनिंग माफिया इस कदर बेखौफ है कि वह दिनदहाड़े डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी की हत्या करने से भी गुरेज नहीं करता। 

हुड्डा ने कहा कि शहीद डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई के परिवार की तरफ से पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग उठाई गई है। लेकिन, सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया। सरकार को शहीद डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई के परिवार की संतुष्टि और उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरे मामले की सीबीआई जांच करवानी चाहिए और अपराधियों को जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की नाक के नीचे बेकाबू माइनिंग माफिया ने प्रदेश के 31 पहाड़ों को खत्म कर हज़म कर डाला। यही नहीं, माफिया यमुना की रेत भी खा गया। ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि यह माफिया संरक्षण प्राप्त है या बेकाबू है। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में अपराध के 1,66,336 मामले सामने आए थे, जो अगले साल 2020 में बढ़कर 1,92,395 हो गए। 2020 के ही आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 1143 यानी रोज 3 से 4 हत्याएं हुईं। इसी तरह रोजाना 8 अपहरण के मामले सामने आए। इसके अलावा रेप, चोरी, लूट, डकैती, फिरौती के अनगिनत मामले सामने आते हैं।

हुड्डा ने कहा कि बिगड़ी कानून-व्यवस्था का असर सिर्फ आम लोगों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी वजह से प्रदेश में निवेश और रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 2005 में कांग्रेस सरकार बनने से पहले हरियाणा में अपराध चरम पर था। लेकिन, उनकी सरकार बनने के बाद उन्होंने कानून व्यवस्था को प्राथमिकता से सुधारा। उस दौरान हरियाणा से गैंगस्टरों का सफाया कर दिया गया। उसी का नतीजा था कि हरियाणा में जमकर निवेश हुआ। गुडगांव निवेशकों की पहली पसंद बना। निवेश अधिक होने की वजह से हरियाणा में जमकर रोजगार सृजन हुआ।

हरियाणा प्रति व्यक्ति निवेश और प्रति व्यक्ति आय के पैमानों पर पूरे देश में पहले नंबर पर पहुंच गया था। लेकिन आज हालात बिल्कुल इसके विपरीत हैं। कानून व्यवस्था खराब होने की वजह से हरियाणा में निवेश ना के बराबर हो रहा है। निवेशकों की पसंद अब हरियाणा की बजाय अन्य राज्य बन रहे हैं। नतीजतन हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ रही है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हरियाणा ने सिर्फ बेरोजगारी और महंगाई के मामले में ही तरक्की की है। इसके अलावा हर सकारात्मक पैमाने पर हरियाणा की रैंकिंग गिरी है। उन्होंने एनआईआरएफ रैंकिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि आज प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों की रैंकिंग इतनी गिर चुकी है कि वो टॉप सौ की लिस्ट से बाहर हो चुकी है। 

हुड्डा ने कहा कि हर मोर्चे पर सरकार के विफल रहने की बड़ी वजह इसका प्रदेश के प्रति कोई विजन ना होना है। उन्होंने एकबार फिर कांग्रेस सरकार का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी सरकार ने हरियाणा को पावर सरप्लस, शिक्षा का हब, निवेश का हब, अपराध मुक्त और किसानों के लिए खुशहाल हरियाणा बनाने का विजन रखा। इसके तहत प्रदेश में 4 पावर और एक न्यूक्लियर प्लांट लगाकर हरियाणा को पावर सरप्लस स्टेट बनाया। प्रदेश में दर्जनों इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और अन्य राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित किए। किसानों को उनकी फसलों के उचित रेट देने के साथ भविष्य में जलस्तर को सुधारने के लिए दादूपुर नलवी जैसी वाटर रिचार्ज नहर बनाई। लेकिन उसे भी मौजूदा सरकार ने बंद कर दिया। 

इसी तरह प्रदेश में आज जितने भी नेशनल हाईवे हैं, उन सभी को कांग्रेस सरकार के दौरान ही मंजूरी प्राप्त हुई थी। युवाओं को अपराध और नशे से दूर रखने के लिए हरियाणा को खेलों का हब बनाया गया। ‘पदक लाओ, पद पाओ’ जैसी नीति लागू की। इसी का नतीजा है कि छोटा-सा प्रदेश होने के बावजूद आज हरियाणा और हरियाणा के खिलाड़ी विश्वस्तर पर अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। हमारे लिए गर्व की बात है कि यह सब हमारी खेल नीतियों के चलते ही संभव हो पाया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!