फीस वसूली को लेकर अभिभावकों के पक्ष में आई हरियाणा सरकार, हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

Edited By Shivam, Updated: 22 Sep, 2020 04:22 PM

haryana government came in favor of parents for fee collection

निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस, वार्षिक शुल्क व ट्रांसपोर्ट फीस वसूलने के मामले मे प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि हाईकोर्ट की एकल बेंच ने स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस वसूलने पर छूट दी थी। लेकिन अब हरियाणा...

चंडीगढ़ (धरणी): निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस, वार्षिक शुल्क व ट्रांसपोर्ट फीस वसूलने के मामले मे प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि हाईकोर्ट की एकल बेंच ने स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस वसूलने पर छूट दी थी। लेकिन अब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट की एकल बेंच के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की है। प्रदेश सरकार ने एकल बेंच के फैसले का विरोध करते हुए अभिभावकों की पैरवी की है। सोमवार को हाईकोर्ट के जस्टिस आरके जैन व जस्टिस अशोक वर्मा पर आधारित बेंच ने मामले की सुनवाई एक अक्टूबर को निर्धारित की है।

सरकार ने हाईकोर्ट को एकल बेंच के फैसले को रद्द करने की मांग की है। सरकार का कहना है कि एकल बेंच ने सरकार के पक्ष को अनदेखा कर अपना फैसला दिया है। एकल बेंच का यह फैसला वास्तविकता से बहुत विपरीत है। हाईकोर्ट के जस्टिस रामेंद्र जैन ने 27 जुलाई को निजी स्कूलों द्वारा मासिक फीस के साथ वार्षिक शुल्क, ट्रांसपोर्ट व बिल्डिंग फीस वसूलने की इजाजत दे दी थी। इस फैसले से फीस माफी की आस लगाए लाखों अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है।

आदेश के तहत लॉकडाउन में चाहे किसी भी स्कूल ने बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा न दी हो लेकिन वह स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल सकता है। रामेंद्र जैन से यह फैसला पंजाब के एक मामले में जस्टिस निर्मलजीत कौर द्वारा 30 जून को सुनाए गए फैसले के आधार पर हरियाणा के निजी स्कूलों को यह राहत दी थी।

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