हरियाणा डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा मामला: चार्जशीट दाखिल करने के लिए जांच जारी, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

Edited By Shivam, Updated: 25 Nov, 2021 11:19 PM

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डेंटल सर्जन भर्ती लिखित परीक्षा के अभ्यर्थियों के अंकों में हेराफेरी करने के मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों को आज कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अन्य सबूत जुटाने और दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए मामले में आगे की जांच जारी...

चंडीगढ़ (धरणी): डेंटल सर्जन भर्ती लिखित परीक्षा के अभ्यर्थियों के अंकों में हेराफेरी करने के मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों को आज कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अन्य सबूत जुटाने और दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए मामले में आगे की जांच जारी है। 

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए 26 सितंबर, 2021 को आयोजित लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों के अंकों में हेराफेरी की शिकायत प्राप्त होने पर हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने 17 नवंबर, 2021 को एक मामला दर्ज कर छापेमारी की थी। जिसमें भिवानी जिला निवासी नवीन कुमार को पंचकूला के सेक्टर-5 में एक सार्वजनिक पार्किंग से 20 लाख रुपये नकद लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। नवीन कुमार की स्वीकारोक्ति और जांच के दौरान प्राप्त अन्य सबूतों के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने झज्जर जिले के निवासी अश्विनी शर्मा को गिरफ्तार किया तथा वास्तव में उसके घर की तलाशी के दौरान 1 करोड़ 7 लाख 97 हजार रुपये की नकद राशि जब्त की गई थी। 

पूछताछ करने पर आरोपी अश्विनी शर्मा ने स्वीकार किया कि उसके घर से बरामद पैसा हरियाणा लोक सेवा आयोग में उप सचिव के पद पर तैनात एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को भुगतान किया जाना था। इस तथ्य को सत्यापित करने के लिए उसे हिरासत में रखते हुए अनिल नागर से संपर्क करने के लिए कहा गया और नागर ने उसे अपने कार्यालय में पैसे सौंपने के लिए कहा, जहां जांच दल ने अनिल नागर, एचसीएस को अश्विनी शर्मा से 1,07,97,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। वास्तव में यह राशि मूल रूप से जिला झज्जर के जमालपुर गांव में आरोपी अश्विनी शर्मा के घर से बरामद की गई थी। इसलिए, मामले में वसूली के संबंध में कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा उठाए जा रहे संदेह का कोई आधार नहीं है। 

प्रवक्ता ने बताया कि अपराधियों पर मुकदमा चलाने की दृष्टि से कानून के अनुसार निष्पक्ष तरीके से जांच आगे बढ़ रही है। प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। अनिल नागर के खुलासे पर उनके एक सहयोगी सतीश गर्ग के आवास पर तलाशी ली गई और 66 लाख रुपये की नकद राशि बरामद की गई। साथ ही, उसके कहने पर अगले दिन एक करोड़ 44 लाख रुपये की वसूली की गई। सतीश ने नागर की ओर से रिश्वत के पैसे अपने पास रखे थे। इसके अलावा, अनिल नागर की घर की तलाशी के दौरान 12 लाख रुपये नकद, 50 लाख रुपये की एक पंजीकृत भूमि विलेख, लैपटॉप और डिजिटल मीडिया जब्त किया गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी नवीन 5 दिनों तक पुलिस हिरासत में रहा और आरोपी अश्विनी व अनिल नागर 4-4  दिन पुलिस हिरासत में रहे। कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बाकी सबूत जुटाने और दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए मामले में आगे की जांच जारी है। सरकार सुनिश्चित कर रही है कि सभी दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
 

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