हरियाणा की बेटी मधुमिता ने UPSC परीक्षा में हासिल किया 86वां रैंक, दो बार होना पड़ा था निराश

Edited By Shivam, Updated: 04 Aug, 2020 06:10 PM

कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, एक दिन सबके सामने आ ही जाती है। पानीपत के उपमंडल समालखा की बेटी मधुमिता ने अपनी प्रतिभा का परिचय यूपीएससी 2019 की परीक्षा में 86वां  रैंक हासिल करते हुए दिया है। समालखा की शास्त्री कॉलोनी की रहने वाली बेटी...

पानीपत (राकेश अरोड़ा): कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, एक दिन सबके सामने आ ही जाती है। पानीपत के उपमंडल समालखा की बेटी मधुमिता ने अपनी प्रतिभा का परिचय यूपीएससी 2019 की परीक्षा में 86वां रैंक हासिल करते हुए दिया है। समालखा की शास्त्री कॉलोनी की रहने वाली बेटी मधुमिता की मेहनत व लगन के इस परिणाम से परिवार व लोगों में खुशी का माहौल है। बेटी की इस उपलब्धि को लेकर मंगलवार को उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। इस दौरान अग्रवाल वैश्य समाज के करनाल लोकसभा अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद सत्यप्रकाश गर्ग सहित अन्य लोगों ने परिवार व बेटी को मिठाई खिलाकर बधाई दी।

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बचपन से ही की है कड़ी मेहनत
समालखा के भापरा रोड पर स्थित शास्त्री कॉलोनी वासी मधुमिता शहर के एक प्राइवेट स्कूल से 10वीं में 96 प्रतिशत व 12वीं में 88 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। बीबीए में कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान प्राप्त करन पर मधुमिता को गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया। इसके बाद मधुमिता एमए से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की परीक्षा पास की। मधुमिता ने बताया कि पापा के सपने को साकार करने के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर की एक एकेडमी में यूपीएससी परीक्षा को लेकर कोचिंग लेनी शुरू कर दी। 

दो बार मिली निराशा
साल भर कोचिंग के बाद 2017 में उसने यूपीएससी की परीक्षा दी। लेकिन प्री एग्जाम ही क्लीयर कर पाई। 2018 में उम्मीदों पर उस समय झटका लगा जब वह प्री एग्जाम ही क्लीयर नहीं कर पाई, लेकिन उसने हार नहीं मानी और खराब परिणाम को चुनौती के तौर पर लिया। जिसका परिणाम 2019 की हुई परीक्षा मेेंंं अब उसने पूरे देश में 86 वां रैंक हासिल किया। 

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पढ़ाई के लिए भाई की शादी भी छोड़ी
मधुमिता ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा को लेकर 24 घंटे में से 16 घंटे लगातार पढ़ाई की, जिसको लेकर उनके पिता मां व दोनों भाईयों की अहम भूमिका रही। 2019 में चाचा के लड़के की शादी थी लेकिन वो शरीक नहीं हो पाई उनका पूरा फोकस पढ़ाई पर ही केन्द्रित रहा। उसने बताया कि अगर इन्सान लक्ष्य ठान ले तो उसे पाना कोई मुश्किल काम नहीं है। उसने बताया कि अधिकारी बनकर जन सेवा करना ही मेरी प्राथमिकता है। 

मधुमिता के पिता एवं मार्किट कमेंंटी समालखा में ऑक्शन रिकार्डर व एयरफोर्स मेंं सेवानिवृत्त सार्जंट महावीर ने बेटी पर हमें गर्व है। बेटी देश की शान है। आज किसी भी क्षेत्र मेंं बेटियां कम नहीं है। वहीं मां दर्शन भी बेटी की उपलब्धि को लेकर गदगद है। मधुमिता ने बताया कि उनका बड़ा भाई प्राइवेट कम्पनी मेंं मैनेजर है। जबकि दूसरा भाई पढ़ाई कर रहा है।

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