Edited By Isha, Updated: 06 Dec, 2019 05:21 PM
शिकायतों का फर्जी समाधान दिखा बंद करने पर निगम एक्शन मोड में आ गया। 4 जोन की स्ट्रीट लाइट देख रही तीनों कंपनियों को डी. बार कर दिया गया है। यानी यह अब निगम में टैंडर भी नहीं भर सकेंगी। पंजाब केसरी ने इस मुद्दे
करनाल (मनोज): शिकायतों का फर्जी समाधान दिखा बंद करने पर निगम एक्शन मोड में आ गया। 4 जोन की स्ट्रीट लाइट देख रही तीनों कंपनियों को डी. बार कर दिया गया है। यानी यह अब निगम में टैंडर भी नहीं भर सकेंगी। पंजाब केसरी ने इस मुद्दे को उठाया था जिसके बाद निगम कमिश्नर हरकत हरकत में आ गए। चूंकि पहले भी लगातार ऐसी शिकायतें आ रही थी।
इसी बीच वैबसाइट के आंकड़ों में भी फर्जीवाड़ा सामने आ गया। यह देखकर तीनों कंपनियों पर गाज गिरी। 20 वार्डों की करीब 16 हजार स्ट्रीट लाइट ठीक रखने के लिए निगम ने अब दोबारा टैंडर लगा दिया है। शुक्रवार को इसकी टैक्नीकल बिड ओपन होगी। अधिकारियों का दावा है कि आगामी सप्ताह तक टैंडर अलॉट कर दिया जाएगा।
रोजाना 400 शिकायतें
खराब स्ट्रीट लाइट का मुद्दा हाऊस की मीटिंग में कई बार उछल चुका है। इसका जिक्र आते ही पार्षदों के तेवर गर्म हो जाते हैं। वैबसाइट पर भी सबसे अधिक शिकायत खराब स्ट्रीट लाइटों की ही आती हैं। लाइट इंस्पैक्टर मनीष के अनुसार वैबसाइट पर रोजाना करीब 40 कम्प्लेंट आ रही हैं। करीब 360 शिकायत टोल फ्री नंबर के माध्यम से पहुंच रही हैं। इन्हें दुरुस्त रखने के लिए 4 जोन में 18 कर्मचारी ठेकेदारों ने लगा रखे थे।
फर्जी समाधान का मामला सामने आने के बाद निगम कमिश्नर निशांत यादव ने संज्ञान लिया है। उनका दावा है कि जल्द ही निगम की वैबसाइट पर फीडबैक का ऑप्शन भी जोड़ा जाएगा। पंजाब केसरी ने शिकायतों का समाधान किए बिना ही उन्हें बंद करने का मुद्दा 2 दिसम्बर के अंक में प्रमुखता से उठाया था। बताया था कि वैबसाइट पर आई शिकायतों में किस प्रकार गड़बड़ चल रही है। कुछ ऐसी ही शिकायतें लगातार निगम में आ रही थी। इसके बाद दोबारा टैंडर लगाया गया है।