Edited By Shivam, Updated: 23 Feb, 2019 05:12 PM
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल यहां पहुंचने वाले मरीजों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। वीरवार दोपहर दो बजे एक गर्भवती महिला सरकार अस्पताल पहुंची थी, प्रसव पीड़ा के चलते लेकिन प्रसूति वार्ड में तैनात नर्स ने बगैर कुछ जांचे परखे गर्भवती महिला को...
गुरूग्राम(मोहित): एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल यहां पहुंचने वाले मरीजों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। वीरवार दोपहर दो बजे एक गर्भवती महिला सरकार अस्पताल पहुंची थी, प्रसव पीड़ा के चलते लेकिन प्रसूति वार्ड में तैनात नर्स ने बगैर कुछ जांचे परखे गर्भवती महिला को जबरन सरकारी अस्पताल से यह कह कर भगा दिया कि अभी तुम्हारी डिलीवरी में काफी वक्त है। इसी लापरवाही के चलते घर जाते वक्त ऑटो में ही असुरक्षित डिलीवरी होने से बच्चे और प्रसूता की जान पर बन गयी।
परिजनों ने आननफानन में जच्चा-बच्चा को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां काफी मशक्कत के बाद दोनों खतरे से बाहर निकाला गया। फिलहाल, मामले की शिकायत चीफ मेडिकल अधिकारी को लिखित तौर पर दी गई है। दरअसल, बीते 18 दिन से एनएचएम कर्मचारियों की अपनी मांगों को लेकर हड़ताल बदस्तूर जारी है। तकरीबन 7 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी जिनमे नर्स, लैब तकनीशियन, डॉक्टर्स, शामिल हड़ताल पर है, इसी हड़ताल में चलते यहां पहुंच रहे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना हर रोज करना पड़ रहा है।
वहीं वीरवार के दिन हुई बड़ी लापरवाही की शिकायत परिजनों ने लिखित तौर पर जिला के चीफ मेडिकल अधिकारी को दी है, जिसमे लापरवाह डॉक्टर और नर्स के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात कही गई है।
बता दें कि सरकारी अस्पताल में यह लापरवाही का पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कभी अस्पताल के टॉयलेट में डिलीवरी होती है तो कभी अस्पताल के डॉक्टर्स की लापरवाही के चलते अस्पताल के गेट पर डिलीवरी होती है। अधिकारी ने लेकर मंत्री तक जांच की बात तो कहते है लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर मामले के ठंडा होने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।