Edited By Shivam, Updated: 05 Jun, 2018 05:42 PM
किसानों के देश व्यापी आंदोलन ने जहां आम जन मानस को हिला दिया है, वहीं गौशालाओं में गोवंशों की हालत आपको झकझोर कर रख देगी। जिस गाय माता का दर्जा दिया जाता है वही गाएं बेसहारा, बेजुबान गौमाता भूख के कारण...
अंबाला(अमन कपूर): किसानों के देश व्यापी आंदोलन ने जहां आम जन मानस को हिला दिया है, वहीं गौशालाओं में गोवंशों की हालत आपको झकझोर कर रख देगी। जिस गाय माता का दर्जा दिया जाता है वही गाएं बेसहारा, बेजुबान गौमाता भूख के कारण बिलख रही है। यहां गौशाला में बीते 5 दिन से चारा नहीं मिला, भूख से हाल बेहाल है लेकिन मजबूरी यह कि अनदाता हड़ताल पर है।
आस भरी आंखों से गौवंश गौशाला संचालकों की ओर देखते हैं लेकिन संचालक भी मजबूर है, क्योंकि उनकी गौशाला में हरा चारा नहीं पहुंच रहा, लिहाजा वो भी गो हत्या का पाप अपने सर नहीं लेना चाहते और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि या तो उन्हें चारा उपलब्ध करवाओ या गोवंशों की जिम्मेवारी से उन्हें मुक्त करवा दो।
इस बारे जब मंत्री अनिल विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला प्रशासन को ये सब चीजें मुहैया करवाने के आदेश दिए हैं लेकिन फिर भी बात न बनी तो सरकार दूध और चारे पर एस्मा लगाने पर विचार कर सकती है।
सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए नाराज अन्नदाता किसान पिछले 5 दिनों सड़कों पर आंदोलनरत है। जिस वजह से शहर से लेकर गाव में साग सब्जी और चारे की भारी किल्लत हो गई है। 10 जून तक चलने वाली इस हड़ताल का जनजीवन पर काफी असर देखा जा रहा। मानव से लेकर मवेशी तक पर इस हड़ताल की चौतरफा मार देखी जा रही है।