खालसा पंथ की स्थापना ने लोगों में साहस और बलिदान की भावना पैदा की: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 13 Apr, 2025 05:47 PM

cm haryana addressed the sikh congregation in gurgaon on vaisakhi

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने 13 अप्रैल, 1699 को खालसा पंथ की स्थापना करके लोगों में साहस और बलिदान के साथ जीने की भावना पैदा की।

गुड़गांव, (ब्यूरो): हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने 13 अप्रैल, 1699 को खालसा पंथ की स्थापना करके लोगों में साहस और बलिदान के साथ जीने की भावना पैदा की। उन्होंने वीरता और वीर भावना को आध्यात्मिक सोच के साथ जोड़कर समाज को एक नई दिशा दी। मुख्यमंत्री आज वैसाखी के अवसर पर गुरुग्राम के साउथ सिटी-1 स्थित गुरुद्वारा में साध संगत को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और सभी को इस पावन दिन की बधाई दी। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी व गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी इस दौरान उपस्थित रहें।

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उन्होंने कहा कि वैसाखी एक बहुत ही सुंदर त्योहार है, जिसे पूरे उत्तर भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वैसाखी का त्यौहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। खरीफ की फसल पकने की खुशी का प्रतीक होने के कारण यह त्यौहार किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है। नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने अन्याय और अत्याचार से लड़ने के लिए वैसाखी के दिन 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उस समय देश पर मुगलों का शासन था। वे लोगों पर भयंकर अत्याचार कर रहे थे और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था। समाज जाति और धर्म के आधार पर बंटा हुआ था। उस समय गुरु गोबिंद सिंह ने ऐसा चमत्कार किया जो कोई साधारण मनुष्य नहीं कर सकता था। उन्होंने लोगों को अपने धर्म और सम्मान की रक्षा के लिए हर तरह का त्याग करने के लिए प्रेरित किया। 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि खालसा पंथ की नींव रखते समय गुरु गोबिंद सिंह ने देश की पांच अलग-अलग जातियों और पांच अलग-अलग क्षेत्रों से पंच प्यारों को शामिल किया था। फिर उन्होंने सभी को एक ही बर्तन से अमृत पिलाकर भेदभाव को समाप्त किया। उन्होंने कभी भी भाषा, जाति और धर्म के आधार पर मनुष्यों के बीच भेदभाव को स्वीकार नहीं किया। 

 

मानवता की रक्षा के लिए पीढ़ियां कुर्बान हुई

गुरु गोबिंद सिंह स्वयं, उनके पिता गुरु तेग बहादुर, माता गुजरी और उनके चार पुत्र मानवता की रक्षा करते हुए शहीद हुए। इस प्रकार एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के बलिदान का उदाहरण विश्व के इतिहास में बहुत कम मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इतिहास की कई घटनाएं वैसाखी के त्यौहार से भी जुड़ी हुई हैं। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने शांतिप्रिय नागरिकों की निर्मम गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड ने स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश सरकार से बदला लेने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध बना दिया, जिसके कारण 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश जलियांवाला बाग के महान शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा की जनता और हरियाणा सरकार की ओर से जलियांवाला बाग के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

 

कुरुक्षेत्र में बनेगा सिख संग्रहालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व तथा वर्ष 2017 में गुरु गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। वर्ष 2022 में गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व मनाया गया और पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र में 4 एकड़ क्षेत्र में सिख संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, ताकि सिख समुदाय अपने इतिहास से जुड़ा रह सके तथा आने वाली पीढ़ियों को हमारे गुरुओं के महान बलिदानों के बारे में जानकारी मिल सके।

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण किया, ताकि सिख समुदाय पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जा सके, जहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा बिताया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने सिरसा में गुरुद्वारा चिल्ला साहिब के समीप स्थित एक शिक्षण संस्थान की जमीन भी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को हस्तांतरित कर दी है, जिससे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। गुरु नानक देव ने वहां 40 दिनों तक ध्यान लगाया था और सिरसा में ही रहे थे। उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिले के लोहगढ़ में विश्व स्तरीय बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक बनाया जाएगा, जो उनकी बहादुरी और बलिदान की वीर गाथा को दर्शाएगा। 

 

गुरुद्वारा प्रबंधन कर रहा है नेक सेवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम गुरुद्वारा वर्ष 2000 में जमीन के एक छोटे से टुकड़े पर शुरू हुआ था, लेकिन गुरुओं के आशीर्वाद से आज यह विशाल हो गया है और भविष्य में यह और भी भव्य बनेगा। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा उनके समक्ष जो भी मांगें रखी गई हैं, उन्हें जल्द ही पूरा किया जाएगा, जिसमें अतिरिक्त जमीन की मांग भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे के लिए 21 लाख रुपये के अनुदान की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा द्वारा चलाए जा रहे वेलनेस सेंटर में नेक सेवा की जा रही है, क्योंकि बड़ी संख्या में गरीब मरीज रोजाना इसकी ओपीडी में आते हैं और इलाज कराते हैं।

 

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हो रहा भारत का विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का निरंतर विकास हो रहा है और यही कारण है कि आज हेमकुंट साहिब जैसे गुरुद्वारों के दर्शन करना बहुत आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 14 अप्रैल को हरियाणा आएंगे और हिसार में महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से हवाई सेवा का शुभारंभ करेंगे तथा यमुनानगर में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट की तीसरी इकाई का शिलान्यास करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पंजाब के आनंदपुर साहिब का भी दौरा किया तथा वैसाखी के अवसर पर वहां गुरुद्वारे में मत्था टेका। इस अवसर स्वामी धर्मदेव, गुरूद्वारा बंगला साहिब के मुख्य सेवक बाबा बचन सिंह, गुरूद्वारा साध संगत से जसपाल सिंह चड्ढा, बीजेपी के जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी, क्रिकेटर शिखर धवन, पार्षद आरती यादव, अनिल यादव व कुलदीप यादव सहित बड़ी संख्या में साध संगत भी उपस्थित रहीं। 

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