विधानसभा सत्र: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया जाएगा सिटिंग अरेंजमेंट, ‘हरियाणवी’ हो जाएंगे कानून

Edited By Isha, Updated: 17 Feb, 2021 04:29 PM

assembly session arrangement will be done with social distancing

हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया की आने वाले बजट सत्र में कोरोना को लेकर सभी सावधानियां पहले की तरह ही जाएंगी। क्योंकि कोरोना का प्रभाव कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सिटिंग

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी ): हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया की आने वाले बजट सत्र में कोरोना को लेकर सभी सावधानियां पहले की तरह ही जाएंगी। क्योंकि कोरोना का प्रभाव कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सिटिंग अरेंजमेंट किया जाएगा। दर्शक दरगाह इस बार भी पहले की तरह उपलब्ध नहीं होगी।मीडिया का भी पिछली बार की तरह ही हरियाणा विधानसभा में ही अलग से अरेंजमेंट होगा। विधानसभा सत्र में कार्रवाई की रूपरेखा चाहे कॉल अटेंशन मोशन हो, प्राइवेट मेंबर बिल हो या प्रशन हो हम बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में तय कर देंगे और अगर विपक्ष की तरफ से कोई अविश्वास प्रस्ताव आता है तो हम बी एस ई की मीटिंग में निर्णय करेंगे कि हम कब उस पर चर्चा करें।

हरियाणा विधानसभा स्पीकर के अथक प्रयासों के बाद आखिरकार हरियाणा को 55 साल के बाद अपने नाम से कानून मिल पाएंगे। जो कि अब तक हरियाणा के सभी कानून हरियाणा की बजाए पंजाब के नाम से जाने जाते थे। 1 नवंबर 1966 को हुए हरियाणा के गठन को 55 साल का लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद पंजाब के कानून बड़े अटपटे से लगते थे। कहीं ना कहीं लापरवाही के चलते इसमें बदलाव नहीं हो पाया। आने वाले बजट सत्र में सभी 163 कानूनों में पंजाब का नाम निकालकर हरियाणा का नाम ऐड  करने की तैयारी कर ली गई है।

हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने  बताया कि जब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई तो देखा कानूनों में हर एक्ट के आगे पंजाब का नाम था। स्वतंत्र प्रदेश के लिए अपने नाम से कानून होना अति आवश्यक है। जिसकी गंभीरता को देखते हुए इसकी चर्चा आदरणीय मुख्यमंत्री जी से की। मुख्यमंत्री की इजाजत के बाद एक कमेटी का गठन चीफ सेक्रेट्री हरियाणा की अध्यक्षता में किया गया। साथ में हरियाणा के एल.आर और सभी विभागों के अधिकारियों को जोड़कर बनी इस कमेटी को हमने 2 माह में इसका प्रस्ताव प्यार करने के लिए बोला था जोकि इस कमेटी ने सभी चीजों के मद्देनजर एक प्रस्ताव तैयार किया है जो कि आने वाले बजट सत्र में पंजाब का नाम निकालकर हरियाणा का नाम ऐड करके सभी 163 कानूनों को हम बदलेंगे और इस प्रस्ताव को पास करने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। चल रही अदालती कार्रवाई में जिस प्रकार से पंजाब पुलिस एक्ट, पंजाब एक्साइज एक्ट या कोई भी एक्ट होता था अब उनका नाम बदलकर पंजाब की जगह हरियाणा का इस्तेमाल किया जाएगा।

इसके साथ ही हरियाणा गठन के वक्त 60-40 के अनुपात से सभी एसेट्स बांटे गए थे। विधानसभा में भी इसी प्रकार से हिस्सा तय किया गया था। 55 साल बीत जाने के बाद भी हरियाणा को पूरा हिस्सा नहीं मिल पाया है। जिसके कारण से हमारे विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी और मंत्रीगण को बैठने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिसके लिए पंजाब के स्पीकर से भी मिलकर हरियाणा के हिस्से की मांग की गई। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं आया। हमने सभी राजनीतिक पार्टियों के समर्थन से विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया और प्रस्ताव के माध्यम से पंजाब के आदरणीय गवर्नर को भी निवेदन किया गया था। एक ऑल पार्टी डेलिगेशन आदरणीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, चौधरी दुष्यंत चौटाला, अभय चौटाला भी शामिल थे और गवर्नर से मिलकर हमारे हरियाणा के हक की मांग की गई थी। लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। जिसके बारे में दो पत्र भी गवर्नर जी को लिखे गए हैं। लेकिन उनका भी अभी उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। यह जानकारी भी हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने दी।

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