Edited By Nitish Jamwal, Updated: 10 Jul, 2024 07:16 PM
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले नये राजनीतिक समीकरण देखने को मिलेंगे। प्रदेश में कई बार सत्ता में रही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच बृहस्पतिवार को गठबंधन की अनौपचारिक घोषणा होगी
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले नये राजनीतिक समीकरण देखने को मिलेंगे। प्रदेश में कई बार सत्ता में रही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच बृहस्पतिवार को गठबंधन की अनौपचारिक घोषणा होगी। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा तथा बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रतिनिधियों कीी मौजूदगी में दोनों दलों के बीच इस नये राजनीतिक गठजोड़ का ऐलान किया जाएगा।
हरियाणा में इनेलो और बसपा के बीच बृहस्पतिवार को तीसरी बार गठबंधन होने जा रहा है। साल 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान इनेलो व बसपा के बीच पहली बार गठबंधन हुआ था। इनेलो ने सात लोकसभा सीटों पर और बसपा ने तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बसपा ने एक अंबाला लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि इनेलो प्रत्याशी राज्य की चार लोकसभा सीटों कुरुक्षेत्र, हिसार, सिरसा और भिवानी पर चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 2018 में बसपा और इनेलो के बीच राजनीतिक गठजोड़ हुआ, लेकिन यह गठबंधन विधानसभा चुनाव तक लोगों के बीच नहीं पहुंच पाया।
इनेलो के दोफाड़ होने की वजह से बसपा के साथ उसका गठबंधन टूट गया था। अब एक बार फिर इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला के प्रयासों से बसपा अध्यक्ष मायावती अपनी पार्टी का गठजो़ड़ करने के लिए तैयार हुई हैं। पिछले दिनों अभय चौटाला ने इस संबंध में मायावती से नई दिल्ली में भी मुलाकात की थी, जिसके बाद मायावती और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने हरियाणा के बसपा नेताओं को इनेलो के साथ गठबंधन की तैयारियां पूरी करने के निर्देश जारी कर दिए थे। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में दोनों दलों के नेताओं की मौजूदगी में इस गठबंधन की घोषणा होगी।
इस तरह से आकार लेगा राज्य में तीसरा मोर्चा
इनेलो व बसपा के गठजोड़ के बाद राज्य में शिरोमणि अकाली दल, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, हरियाणा जनसेवक पार्टी और सर्वहितकारी पार्टी के साथ इस गठबंधन के आकार को बड़ा करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा के अनुसार इनेलो ने सत्तारूढ़ भाजपा व कांग्रेस के विरुद्ध राज्य में तीसरे मोर्चे के गठन की परिकल्पना की थी, जो धरातल पर साकार हो रही है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही भाजपा व कांग्रेस के विरुद्ध समान विचारधारा वाले दलों को अभय सिंह चौटाला एकजुट करने का काम करेंगे।