‘हरियाणा में जिसकी कोई न सुने उसके लिए हैं अनिल विज’

Edited By Isha, Updated: 21 Nov, 2019 11:25 AM

anil vij is for anyone who listens in haryana

हरियाणा के दबंग मंत्री अनिल विज ने गृह, स्वास्थ्य, लोकल अर्बन व अन्य विभाग ‘हरियाणा में जिसकी कोई न सुने उसके लिए हैं अनिल विज’संभालने के बाद विशेष बातचीत में कहा कि काम किया है काम

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के दबंग मंत्री अनिल विज ने गृह, स्वास्थ्य, लोकल अर्बन व अन्य विभाग ‘हरियाणा में जिसकी कोई न सुने उसके लिए हैं अनिल विज’संभालने के बाद विशेष बातचीत में कहा कि काम किया है काम करेंगे, जो काम नहीं करना चाहें वे वी.आर.एस.अप्लाई कर सकते हैं। 1996 में मनी राम गोदारा के बाद अब गृह मंत्रालय किसी विधायक को दिए जाने पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि 22 साल तक किसी सी.एम. को अपने विधायक व मंत्री पर इतना भरोसा ही न रहा हो कि उसे गृह विभाग दिया जाए।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में जिसकी कोई न सुने उसके लिए एक व्यक्ति उपलब्ध है अनिल विज। पुलिस की छवि सुधारने के साथ-साथ उनकी कार्यप्रणाली भी सुधारी जाएगी ताकि आम जनता उन पर विश्वास कर सके। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन की सभी जरूरतों को पूरा करेंगे तथा कमियों को दूर करेंगे। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश :-

प्रश्न : गृहमंत्री बनने के बाद आपकी क्या प्राथमिकताएं हैं?
उत्तर : अभी पुलिस विभाग को मैंने प्रैजैंटेशन देने को कहा है ताकि मैं उनका कामकाज देख सकूं और समीक्षा कर सकूं जिसके बाद ही विभाग की प्राथमिकताएं तय की जाएंगी लेकिन मुख्य रूप से पुलिस की छवि आम आदमी की नजर में सुधारी जाएगी। मैंने हमेशा काम किया है और काम करूंगा,जो लोग काम नहीं करना चाहें वे वी.आर.एस. के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर किया जाएगा,इसे चुस्त-दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकता होगी। सरकार पुलिस प्रशासन की सभी  जरूरतों को पूरा करेगी तथा व्याप्त कमियों को दूर किया जाएगा। प्रदेश में लोगों को इंसाफ दिलवाने में पुलिस की  महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए उसकी कार्यप्रणाली को पूर्णत: भेदभाव एवं विवादमुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए पुलिस कर्मचारियों एवं अधिकारियों को चाहिए कि वे 
पूरी तरह से सजग रहें।

प्रश्न : 22 साल से किसी सी.एम. ने गृह मंत्रालय किसी अन्य मंत्री को नहीं दिया। क्या इस बार यह मंत्रालय बैलेंस बनाए रखने हेतु आपको दिया गया?
उत्तर : कौन-सा विभाग किसको देना है यह सी.एम. के अधिकार क्षेत्र में है। 22 साल से अगर किसी मुख्यमंत्री ने गृह विभाग किसी अन्य विधायक को नहीं दिया तो इसका यह भी कारण हो सकता है कि 22 साल तक किसी सी.एम. को अपने विधायक और मंत्री पर इतना भरोसा ही न रहा हो कि उसे गृह विभाग दिया जाए।

प्रश्न : समीक्षक कहते हैं कि दुष्यंत के बराबर आपको रुतबा देना जरूरी था?
उत्तर : रुतबा कार्य के एक्सपीरियंस से होता है और वरिष्ठता से होता है, वह विभाग देने से नहीं होता। उस मामले में भी देखा जाए तो मैं सबसे वरिष्ठ हंू जबकि सत्ता पक्ष में मैं ही अकेला ऐसा विधायक हंू जो 6 बार का विधायक है। बाकी सब इससे नीचे हैं।

प्रश्न : पिछली पारी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिस प्रकार आपने कार्य किए,क्या ऐसी ही योजनाएं अब भी रहेंगी?
उत्तर : काम करने का तरीका बदला नहीं जाता। इस उम्र में आकर मैं बदलूंगा भी क्या। मेरा काम करने का तरीका वही रहेगा जो पहले था।

प्रश्न : पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जनता व विपक्ष में असंतोष रहता है,क्या इन चीजों की भी समीक्षा की जाएगी?
उत्तर : हम कोशिश करेंगे कि हमारे विभाग की कोई खामी न निकाल सके। इसे लेकर मैंने अधिकारियों से बात भी की है और जल्द ही इसे लेकर अधिकारियों की बैठक ली जाएगी। जब हम काम करेंगे तो कोई हमारी खामी कैसे निकाल पाएगा। पुलिस विभाग के अधिकारियों से मैंने मंगलवार को बैठक रखी है और उसमें कार्यों की समीक्षा की जाएगी।


प्रश्न : लोकल अर्बन डिवैल्पमैंट विभाग भी आपके पास है जिसमें कर्मचारियों की सरकार व अधिकारियों से तनावपूर्ण स्थिति रहती है, इस स्थिति से निपटने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर : हड़ताल पर जाना कर्मचारियों का अधिकार है लेकिन हम ऐसी स्थिति भी उत्पन्न नहीं होने देंगे जिससे कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़े। मैं इस विभाग की समीक्षा करूंगा कि ऐसी दिक्कतें बार-बार क्यों आती हैं और पेश आ रही दिक्कतों को दूर करने का प्रयास भी किया जाएगा।

प्रश्न : भाजपा-जजपा गठबंधन पर कहीं न कहीं संशय के बादल हैं, इस बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर : यह जो दोनों पार्टियों का गठबंधन है वह इसलिए है कि क्योंकि दोनों की विचारधारा एक जैसी है और दोनों ही कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ लड़ती आई हैं। दोनों में खूब निभेगी और दोनों मिलकर काम करेंगी।

प्रश्न : भूपेंद्र हुड्डा गठबंधन को स्वार्थ का गठबंधन बता रहे हैं? 
उत्तर : महाराष्ट्र में एक-दूसरे की विरोधी पाॢटयां होते हुए भी कांग्रेस व शिवसेना मिल रही हैं। शिवसेना कट्टर ङ्क्षहदूवादी पार्टी है जिसने हमेशा कांग्रेस का विरोध किया है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे के कट्टर विरोधी बयान देती रही हैं और अब एक होकर दोनों निर्वस्त्र हो गई हैं। इस बारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा क्या कहेंगे?      

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