चौटाला ने CM को लिखा पत्र, कहा- नंदीशाला के नाम पर पैसे ऐंठना बंद करे सरकार

Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Jun, 2017 06:24 PM

abhay chautala target manohar lal

प्रदेश की मनोहर सरकार ने नंदीशाला के रख-रखाव के लिए अपने कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन में से दान करने कि की गई अपील विपक्ष को रास नहीं आ रही।

चंडीगढ(चंद्रशेखर धरणी):प्रदेश की मनोहर सरकार ने नंदीशाला के रख-रखाव के लिए अपने कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन में से दान करने कि की गई अपील विपक्ष को रास नहीं आ रही। इनेलो नेता अभय चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक पत्र लिख कर सरकार पर निशाना साधा है। अभय ने लिखा है कि सरकार द्वारा गाय और उसकी प्रजाति के कल्याण के लिए कार्य करना निश्चित रूप से एक प्रशंसनीय प्रयास है, परंतु जब इस योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संदेहास्पद साधनों का प्रयोग किया जाता है तो उससे लक्ष्य के उद्देश्य पर भी प्रश्न चिह्न लग जाते हैं।

अभय बोले कि सामान्यत: सरकारें किसी योजना की घोषणा करने से पहले उसे लागू करने के लिए आवश्यक साधनों का प्रबंध कर लेती है, परंतु इस सिद्धांत के विपरीत खट्टर सरकार द्वारा योजना की घोषणा के बाद उसके लिए वित्तीय साधनों को तलाश करने का कार्य किया। ‘नंदीशाला’ के संदर्भ में तो सरकार ने सभी सीमाओं को पार कर उसे सफल बनाने के लिए सरकारी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे अपने वेतन में से उन्हें चलाने के लिए दान करें।

चौटाला ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि विभागों के मुखियों से कहा गया है कि वे दान देने और न देने वालों की एक सूची बनाएं। यदि ऐसा है तो इससे राज्य में एक ऐसी नई परंपरा प्रारंभ होगी जिसके परिणाम चिंताजनक होंगे। इनेलो नेता ने यह भी कहा कि कुछ समाचारों के अनुसार सरकार के इस प्रकार के आग्रह से ‘प्रेरित’ होकर जींद जिले के एसपी ने तो उसे तुरंत लागू कर अपने जिले के सभी पुलिस कर्मियों से नंदीशाला कोष में दान देने के लिए कहा जिसके परिणामस्वरूप 11 लाख रुपए उस कोष के नाम एकत्रित भी हो गए।

नेता विपक्ष ने यह भी चिंता जताई कि इससे राज्य के सिविल एवं पुलिस अधिकारियों में सत्तापक्ष को प्रसन्न रखने की होड़ प्रारंभ होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि दान की भावना को बनाए रखना हो तो वह स्वेच्छा से होता है। यदि वह स्वेच्छा से नहीं है तो उसे ‘ऐंठना’ कहा जाता है। जब भी कोई विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से दान का आग्रह करते हुए एक दिन के वेतन का सुझाव देता है तो उसमें से दान की आत्मा मृत हो जाती है।

चौटाला ने कहा कि इस प्रकरण का एक अन्य चिंताजनक पहलू भी है। यदि जींद के एस.पी के उदाहरण को देखते हुए अन्य अधिकारी भी उनका अनुसरण करने लगे तो बहुत शीघ्र सभी अधिकरयों का लक्ष्य सत्तापक्ष के मनमाने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्यरत रहना ही रह जाएगा। परिणामस्वरूप अधिकारियों की संविधान और कानून के प्रति प्रतिबद्धता प्रभावित होगी जिससे 1975 के आपातकाल से अधिक काला अध्याय लिखा जाएगा क्योंकि अधिकारी को जब झुकने के लिए कहा जाएगा तो वे रेंगना शुरू कर देंगे।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!