किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने मैदान में उतरे अभय चौटाला, पेमेंट न मिलने पर दिया अल्टीमेटम

Edited By vinod kumar, Updated: 03 Jun, 2020 12:14 AM

राजनीति के केंद्र बिंदु रहे देश के अन्नदाता किसान को लेकर प्रदेश की राजनीति अब फिर से गर्मानी शुरू हो गई है। फसली सीजन के दृष्टिगत जहां किसान लॉकडाउन व मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते अपने भविष्य को लेकर दोराहे पर खड़ा नजर आ रहा है, तो वहीं विपक्षीदल...

सिरसा (संजय अरोड़ा): राजनीति के केंद्र बिंदु रहे देश के अन्नदाता किसान को लेकर प्रदेश की राजनीति अब फिर से गर्मानी शुरू हो गई है। फसली सीजन के दृष्टिगत जहां किसान लॉकडाउन व मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते अपने भविष्य को लेकर दोराहे पर खड़ा नजर आ रहा है, तो वहीं विपक्षीदल भी सरकार के लिए किसानों के मुद्दों को लेकर चुनौती बनते दिखाई दे रहे हैं।

इनेलो नेता एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने किसानों को लेकर अपना आक्रामक रूप अख्तियार करते हुए न केवल सरकार को चुनौती के रूप में 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है बल्कि मंगलवार को उन्होंने अपने गृह जिला सिरसा में गेहूं-सरसों का भुगतान नहीं होने पर किसानों को साथ लेकर सांकेतिक धरना भी दिया। यही नहीं इस धरने के दौरान अभय सिंह चौटाला ने सख्त लहजे में सरकार को कोसते हुए कहा कि यदि इस एक हफ्ते के दौरान किसानों को उनका भुगतान नहीं मिला तो इसके बाद इनेलो पूरे प्रदेश में किसानों को लेकर जिला स्तरीय आंदोलन छेड़ देगी। 

गौरतलब है कि इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला पिछले कई दिनों से गेहूं व सरसों की उपज बेचने वाले किसानों को अभी तक सरकार की ओर से भुगतान न मिलने के मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते आ रहे हैं। वे निरंतर किसानों के साथ हो रहे इस भेदभाव के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के समक्ष सवाल खड़े करते हुए मांग कर रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में जहां देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। वहीं किसान भी इस मार से अछूता नहीं है, लेकिन सरकार ने किसानों की अनदेखी की है और इनेलो इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। यही वजह है कि अभय चाैटाला निरंतर अपने इस आक्रामक रूप के साथ किसानों के मुद्दों को उठा रहे हैं।

गेहूं के सीजन में भी लिया था जायजा
लॉकडाउन के चलते गेहूं की खरीद इस बार सरकार ने 20 अप्रैल से शुरू की। हालांकि इससे करीब एक हफ्ते पहले सरसों की खरीद शुरू कर दी गई थी और 20 अप्रैल से प्रदेश भर में गेहूं खरीद का सिलसिला शुरू हुआ। इस खरीद के तहत बेशक सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के चलते व्यापक बंदोबस्त किए गए थे और जिला उपायुक्तों को भी हिदायतें जारी कर गेहूं खरीद करने व सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने को कहा गया था, मगर फिर भी किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

उस दौरान भी इनेलो नेता अभय चौटाला ने गेहूं खरीद को लेकर सरकार की ओर से किए गए बंदोबस्तों व किसानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रदेश भर में अपना एक शेड्यूल तैयार किया था। इसके अंतर्गत वे कुछ जिलों की मंडियों एवं खरीद केंद्रों पर जायजा लेने पहुंचे भी मगर जब लगा कि सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ रही है तो उन्होंने किसानों के हितार्थ अपना यह कार्यक्रम बीच में छोड़ दिया मगर सरकार के समक्ष उन्होंने अपनी यह मांग रखी थी कि किसानों को गेहूं व सरसों खरीद में कोई दिक्कत न आए।

किसानों के दुखड़ों को लेकर सरकार से इसलिए हुए मुखर
बेशक कोरोना संक्रमण के कारण राजनीतिक सभाएं नहीं हो रही हैं, लेकिन इनेलो नेता अभय चौटाला के पास प्रदेश भर के किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया था कि सरकार ने अब तक उनकी उपज का भुगतान नहीं दिया और न ही चने की खरीद शुरू की गई है। किसानों की इस आपबीती को सुनने के बाद अभय चौटाला काफी मुखर हो गए हैं और उन्होंने साफ चेताया है कि जब तक किसानों को भुगतान नहीं मिल जाता तो वे चैन से नहीं बैठेंगे।

बताया गया है कि अभय चाैटाला चने की खरीद शुरू करने व गेहूं और सरसों का भुगतान जारी करवाने के मुद्दे को लेकर 9 जून के बाद आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं और इसकी रूपरेखा भी तैयार की जाने लगी है। इस आंदोलन के तहत इनेलो द्वारा पूरे प्रदेश में सभी जिला मुख्यालयों पर धरने दिए जाएंगे।

दोगला चेहरा अपनाए हुए है सरकार: अभय चौटाला
इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला ने कहा कि मौजूदा शासन में किसानों की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। प्रदेश सरकार किसानों को लेकर दोगला चेहरा अपनाए हुए हैं। पहले धान की खेती को लेकर अड़चन पैदा की और जब वस्तुस्थिति का पता लगा तो अपने निर्णय से वापस हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि असल में भाजपा कभी भी किसानों की हितैषी नहीं रही।

उन्होंने कहा कि जननायक चौ. देवीलाल ने हमेशा कमेरे और मेहनतकश वर्गाें के साथ साथ किसानों के हितार्थ राजनीति की और इनेलो उन्हीं के पदचिह्नों पर चलते हुए किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि मैंने आज सरकार के खिलाफ एक सांकेतिक धरना दिया है और इसके तहत प्रदेश सरकार को एक हफ्ते की मोहलत दी है।

यदि इस हफ्ते के दौरान सरसों व गेहूं की उपज बेचने वाले किसानों को भुगतान नहीं मिला और चने की खरीद शुरू नहीं हुई तो इनेलाे प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ धरने शुरू करेगी। अभय चौटाला ने कहा कि किसानों ने कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए और हर संकट में देश का साथ दिया है। इसलिए सरकार का भी फर्ज है कि आर्थिक मंदी के दौर में किसानों की अनदेखी न की जाए।

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