Edited By Isha, Updated: 16 Jul, 2019 11:06 AM
किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल जिला प्रधान मेवासिंह आर्य की अध्यक्षता में उपायुक्त सुजान सिंह व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता
भिवानी: किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल जिला प्रधान मेवासिंह आर्य की अध्यक्षता में उपायुक्त सुजान सिंह व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता से मुलाकात कर किसानों की समस्या के समाधान हेतु प्रदेश सरकार के नाम मांगपत्र सौंपा। जिला प्रधान मेवा सिंह आर्य ने बताया कि वर्ष 2014 से जिन किसानों ने बिजली निगम में साधारण सिक्योरिटी के रूप में ट्यूबवैल कनैक्शनों के लिए आवेदन लगा रखा था। 5 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जनवरी, 2019 में प्रदेश सरकार ने बिजली निगम के माध्यम से पम्पस स्टार्टर एक लाख से ऊपर कीमत वाले सरकार द्वारा निर्धारित 8 कम्पनियों से ही खरीदने होंगे और एक एकड़ में माइक्रो इरिगेशन ड्रिप सिस्टम लगाने की शर्त रखी गई है। इसे सारे सिस्टम में किसान पर 1,50,000 का अतिरिक्त भार पड़ेगा और ट्यूबवैल कनैक्शन में 2 पोल पर करीब 1,50,000 रुपए का खर्चा पड़ेगा, केवल खेती पर निर्भर 5 से 7 एकड़ का किसान इतना खर्चा वहन नहीं कर सकता। वर्ष 2019 से पूर्व के किसानों को बिना शर्त कनैक्शन जारी किए गए थे, इन किसानों के साथ भेदभाव क्यों।
भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने नए ट्यूबवैल कनैक्शनों के विरोध में संवैधानिक तरीके से पंचायत, धरना, प्रदर्शन करके शासन व प्रशासन को अनेक बार अवगत करवाया गया है लेकिन आज तक शासन व प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अपने अधिकार क्षेत्र से मामले को सुलझाने की समयावधि किसानों को दे या फिर भाकियू प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री, सी.एम.डी. बिजली निगम से बातचीत का समय निर्धारित कर समय दिया जाए। इसके बाद भी किसानों की समस्या का समाधान न हुआ तो भाकियू आंदोलन करने पर मजबूर होगी। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि नए ट्यूबवैल कनैक्शनों का सर्कुलर जनवरी 2019 से जारी हो चुका है और किसानों ने डिमांड नोटिस के ऊपर निगम ने 30,000 रुपया जमा करवा दिया है लेकिन आज तक ट्यूबवैल कनैक्शन की व्यवस्था पर प्रशासन व सरकार की नीति साफ नहीं है और किसान भाकियू के नेतृत्व में ट्यूबवैल कनैक्शनों में 5 स्टार पम्पस, मोटर, स्टार्टर सरकार द्वारा निर्धारित 8 कम्पनियों से खरीदने की शर्त और एक एकड़ में ड्रिप सिस्टम लगवाने की शर्तों के विरोध में ज्ञापन, प्रस्ताव इनेक बार भेजा जा चुका है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि ढिगावा सब डिवीजन में किसानों के जले हुए ट्रांसफार्मों की लोङ्क्षडग और अनलोङ्क्षडग की व्यवस्था ठीक नहीं है। अगर कोई गाड़ी विभाग में है तो किसानों के साथ हो रही कोताही का समाधान निकाला जाए, जले हुए ट्रासफार्मों को 48 घंटे में बदलने का प्रावधान किया जाए ताकि किसानों की समस्या का हल निकल सके। एल.टी. ट्यूबवैल कनैक्शनों की लाइनें लम्बी दूरी होने के कारण कारटेज कम आती है। प्रशासन सस्ती दरों पर एल.टी. बिजली लाइनों को एच.टी. लाइन में तबदील की व्यवस्था की जाए। ढिग़ावा सब डिवीजन से संबंधित खोरड़ा, गोविंदपुरा फीडर पर पैट ट्रांसफार्म से डी.एस. बिजली सप्लाई बंद पड़ी है उसे चालू किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में मंदरूप सिंह, नेहरू सेहर, सूरत सिंह जुई, ईश्वर सिंघानी, इंद्राज, आजाद सिंह भूंगला, संदीप सेहर, जयसिंह, होशियार सिंह व धनसिंह सुरपुरा समेत अनेक किसान मौजूद थे।