नवजात चोरी मामला: गांव-गांव जाकर जांच करेंगी 10 टीमें

Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Oct, 2017 03:51 PM

newborn theft case

पी.जी.आई. से चोरी हुए बच्चे के मामले में पुलिस हर सम्भव प्रयास कर रही है।

रोहतक: पी.जी.आई. से चोरी हुए बच्चे के मामले में पुलिस हर सम्भव प्रयास कर रही है। रविवार को एस.आई.टी. इंचार्ज डी.एस.पी. डा. रविंद्र ने 10 टीमें बनाई हैं। जो टीमें प्रत्येक गांव में जाकर जांच करेगी। शनिवार को स्टाफ नर्स को लेकर भारी हंगामा हुआ था। इसके बाद देर रात पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। 22 दिन से बच्चे को बरामद करने के लिए पुलिस मारी-मारी फिर रही है लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा है।

डी.एस.पी. डा. रविंद्र का कहना है कि अब मामले में 10 टीमें बनाई हैं। हर टीम में 4 पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं। टीम हर गांव जाकर पैदा हुए बच्चों का रिकार्ड खंगालेगी। पुलिस का कहना है कि पुलिस हर सम्भव प्रयास कर रही है। जल्द ही बच्चे को तलाश कर लिया जाएगा।

आपातकाल और गायनी वार्ड में सुरक्षा बढ़ाई
वहीं परिजन लगातार वी.सी. व पुलिस आलाधिकारियों से मिलकर जांच की स्टेटस रिपोर्ट ले रहे हैं लेकिन नवजात के मिलने के कहीं से आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मामले में आपातकाल व गायनी वार्ड में सुरक्षा बढ़ाई गई है। रविवार को वी.सी. डा. ओ.पी. कालरा सहित अन्य अधिकारियों ने वार्डों का दौरा कर सुरक्षा का जायजा लिया। इस दौरान मौके पर पाई गई खामियाें को जल्द दूर करने के दिशा-निर्देश जारी किए।
वहीं, पी.जी.आई.एम.एस. के लेबर रूम से गुम हुए बच्चे के मामले में सस्पैंड चल रही स्टाफ नर्स बलजीत कौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसे देर रात जमानत दी गई। बता दें कि नर्स के गिरफ्तार होने के बाद स्टाफ नर्सों ने रात 10 बजे प्रशासन को दिए अल्टीमैटम के खत्म होने के बाद वर्क सस्पैंड कर दिया था। लेकिन, बेल मिलने पर नर्स काम पर लौट गई।

रविवार को स्टाफ नर्स एसोसिएशन के प्रधान अशोक यादव ने पी.जी.आई.एम.एस. प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा जिस तरह से स्टाफ नर्स को गिरफ्तार किया, वह सरासर गलत है। डाक्टरों को तो पूछताछ के लिए चिकित्सा अधीक्षक आदेश देता है और आए दिन स्टाफ नर्स को पी.जी.आई. थाने मे बुलाया जा रहा था, उसके बावजूद उन्होंने पी.जी.आई. व पुलिस प्रशासन को पूरा सहयोग दिया लेकिन उन्होंने शायद स्टाफ नर्सों को कमजोर समझ लिया। अशोक ने कहा कि स्टाफ नर्स कमजोर नहीं सहयोगी हैं जो हर कदम पर साथ दे रही थी। स्टाफ नर्स बलजीत कौर को गिरफ्तार करने की पी.जी.आई. प्रशासन को पूरी जानकारी थी, उसके बावजूद प्रशासन ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी। उन्होंने कहा कि स्टाफ नर्स अपनी बेकसूर साथी के साथ कोई भी अन्याय नहीं होने देंगे।

एक तरफा कार्रवाई निष्पक्ष नहीं
अशोक ने कहा कि पी.जी.आई. प्रशासन द्वारा एक तरफा कार्रवाई हो रही है और अपने डाक्टरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बच्चा गुम होने के मामले मे पहली कमेटी की रिपोर्ट मे पूर्णरूप से चिकित्सकों को बचाकर सिर्फ स्टाफ नर्स और क्लास फोर को दोषी ठहराया गया था लेकिन दूसरी कमेटी ने साफ-साफ लिखा है कि स्टाफ नर्स बलजीत कौर के साथ पीडिट्रियाशिन डा. हिना फतिमा भी बराबर की जिम्मेदार है। प्रशासन पूरी तरह फेल है और चिकित्सकों के दबाव में कार्य कर रहा है।

दोषी चिकित्सकों को भी जेल भेजो
एसोसिएशन सदस्यों ने कहा कि जब तक बराबर के दोषी चिकित्सकों को जेल नहीं भेजा जाता, उनकी स्टाफ नर्सें हड़ताल पर रहेंगी, जिसके लिए पी.जी.आई. प्रशासन पूरी तरह से जिंमेदार होगा। उन्होंने कहा कि वे पहले भी सी.बी.आई. जांच की मांग पी.जी.आई. व प्रदेश सरकार से कर चुके हैं, उसके बावजूद सी.बी.आई. जांच तो दूर की बात उलटे उनकी ही स्टाफ नर्स को जेल भिजवा दिया गया ताकि मामले को रफा-दफा कर बराबर के दोषी चिकित्सकों को बचाया जा सके। अशोक ने कहा कि वे हरियाणा सरकार से मांग करते हैं कि यू.एच.एस. के सभी अधिकारियों से इस्तीफा लिया जाए और केस की सी.बी.आई. जांच करवाई जाए और तब तक बराबर के दोषी चिकित्सकों को भी जेल भेजा जाए। 

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