मुख्यमंत्री के निर्देश हवा हवाई नहीं मिल रही दिव्यांगों को नौकरी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Dec, 2017 12:29 PM

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प्रदेश सरकार ने भले ही दिव्यांगों को सम्मानित जीवन जीने के लिए नौकरी में 3 फीसदी आरक्षण तय किया हो। लेकिन जिले में दिव्यांगों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। यहां तक की एक दिव्यांग को पिछले दिनों मेवात दौरे पर आए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं नौकरी का...

नूंह(ब्यूरो):प्रदेश सरकार ने भले ही दिव्यांगों को सम्मानित जीवन जीने के लिए नौकरी में 3 फीसदी आरक्षण तय किया हो। लेकिन जिले में दिव्यांगों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। यहां तक की एक दिव्यांग को पिछले दिनों मेवात दौरे पर आए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं नौकरी का आश्वासन दिया था, लेकिन करीब एक माह बीतने पर उसे नौकरी न मिलने से जिला प्रशासन में मुख्यमंत्री के आदेशों की गंभीरता पर सवाल खड़े होते हैं। नूंह के गांव कोटला निवासी दिव्यांग शौकीन ने 18 नवम्बर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष मांग रखी कि उनके गांव से एक भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं है।

साथ ही वह दिव्यांग भी है और नौकरी पाने के लिए योग्य भी है। सरकार ने दिव्यांगों को आउटसोर्सिंग नौकरियों में 3 फीसदी आरक्षण दिया है। लेकिन नूंह जिले में आउटसोर्सिंग द्वारा जो भी नौकरियां दी जाती है, उनमें किसी भी दिव्यांग को स्थान नहीं मिलता। जिस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें स्वयं आश्वासन दिया तथा उपायुक्त को निर्देश दिए कि उन्हें आऊटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत नौकरी दी जाए। लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश को 20 दिन बीत चुके हैं। वहीं पिछले दिनों दिव्यांग जन व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कमिश्नर दिनेश शास्त्री नूंह आए थे और उनके समक्ष भी उन्होंने अपनी बात रखी थी, जिस पर उन्होंने भी उन्हें आऊटसोर्सिंग से नौकरी देने का भरोसा दिलाया था। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली है। 

समाजसेवी साहुन खान मालब, कुलवंत सिंह बघेल, हाजी जुबेर अहमद आदि का कहना है कि स्वयं मुख्यमंत्री के निर्देशों को जिला प्रशासन ठेंगा दिखा रहा है। ऐसे में आम आदमी को उसका हक मिलना कितना कठिन है, यह इस बात से स्पष्ट हो जाता है। शौकीन एक दिव्यांग है और स्वयं मुख्यमंत्री ने उन्हें नौकरी दिलवाने का भरोसा दिया, लेकिन फिर भी जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाई अमल में न लाया जाना वास्तव में चिंताजनक है। वे जिला प्रशासन से मांग करते है कि शौकीन कोटला को तुरंत उनकी योग्यता के हिसाब से नौकरी दी जाए, ताकि वे भी सामान्य जन की तरह सम्मानित जीवन यापन कर सकें और दिव्यांगों के प्रति सरकार की गंभीरता सार्थक साबित हो सके।उपायुक्त अशोक शर्मा ने कहा कि इस विषय को चेक करने के बाद जो भी जाांच संभग होगी की जाएगी।

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