Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Nov, 2017 11:08 AM
अंतर्राष्ट्रीय बलाली बहनें गीता-बबीता के बाद रितु फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत भारत का खाता खोलकर मेडल जीता है। रितु ने 48 किग्रा में पोलैंड में चल रही पहली अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक पर कब्जा जमाया। रितु की इस उपलब्धि पर...
चरखी दादरी(प्रदीप साहू): अंतर्राष्ट्रीय बलाली बहनें गीता-बबीता के बाद रितु फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत भारत का खाता खोलकर मेडल जीता है। रितु ने 48 किग्रा में पोलैंड में चल रही पहली अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक पर कब्जा जमाया। रितु की इस उपलब्धि पर जिले के गांव बलाली सहित दादरी में जश्न मनाया जा रहा है। हालांकि अर्जुन अवार्डी पिता महावीर फोगाट को गोल्ड नहीं लाने का मलाल जरूर है। देश के लिए पहला रजत जीतने पर रीतु की कड़ी मेहनत का फल भी बताया।
रितु ने पोलैंड में चल रही पहली अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 48 किग्रा भारवर्ग के कड़े मुकाबले में चीन की जियांग जुहु को 4-3 से पराजित किया। पिछले तीन दिन से भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। वहीं रितु फोगाट को टूर्नामेंट के चौथे दिन फाइनल में तुर्की की इविन डेमारहन के हाथों शिकस्त खाकर रजत से ही संतोष करना पड़ा। इससे पहले वॉकओवर से सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली रितु ने बुल्गारिया की मिगलेना जॉर्जिवा को 4-2 से, जबकि सेमीफाइनल में कड़े मुकाबले में चीन की जियांग जुहु को 4-3 से पराजित किया।
रितु फोगाट की इस उपलब्धि पर दादरी व उसके पैतृक गांव बलाली में जश्न का माहौल देखा जा रहा है। पिता महावीर फोगाट ने बताया कि रीतु की प्रत्येक बाइट पर उसकी नजर थी। मैदान में उतरने से पहले रीतु ने पिता से बात कर जीत के लिए बारीकियों बारे में विचार-विमर्श किया था। महावीर के अनुसार जिस तरह से रीतु ने कड़ी मेहनत की है, उससे लगता था कि इस बार ‘छोटी’ गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी। इससे पहले भी रितु एशियन चैम्पियनशीप सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना जलवा दिखा चुकी है। रितु ने पिछले साल कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
रितु की उपलब्धि पर परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। रितु के पिता व कोच महावीर बलाली ने कहा कि रितु ने शुरुआत से ही कुश्ती के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है, जिसकी बदौलत वह अब पौलेंड में रजत पदक जीती है।