Edited By Updated: 20 Jan, 2017 02:22 PM
जाट आरक्षण आंदोलन में अफसरों की भूमिका की जांच करने वाले यू.पी. के पूर्व डी.जी.पी. प्रकाश सिंह एक बार फिर से खट्टर सरकार पर मुखर हो गए हैं।
चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय):जाट आरक्षण आंदोलन में अफसरों की भूमिका की जांच करने वाले यू.पी. के पूर्व डी.जी.पी. प्रकाश सिंह एक बार फिर से खट्टर सरकार पर मुखर हो गए हैं। वीरवार को मीडिया से बातचीत में प्रकाश सिंह ने सरकार पर दागी अफसरों को बचाने का आरोप लगा दिया है। आने वाले दिनों में यह मामला और गहरा सकता है। प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में करीब 90 अफसरों को दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की सिफारिश की थी। हरियाणा इससे पहले कार्रवाई शुरू करती कई आई.ए.एस. व आई.पी.एस. अधिकारियों ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए। इसी उठापटक में हरियाणा सरकार अब तक प्रकाश कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए 13 डी.एस.पी., 3 एस.डी.एम. तथा 1 आई.पी.एस. अधिकारियों को निलम्बित कर चुकी है। आई.पी.एस. अधिकारी को तो बहाल किया जा चुका है जबकि 2 डी.एस.पी. को चार्जशीट किया गया है। सूत्रों की मानें तो हरियाणा सरकार पहले से निलम्बित चल रहे अधिकारियों को बहाल करने की तैयारी में है।
प्रकरण की जांच करने वाले पूर्व डी.जी.पी. प्रकाश सिंह ने आज साफ कहा कि हरियाणा सरकार राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। सरकार दागी अफसरों को बचाना चाहती है। प्रकाश सिंह ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का नाम लिए बिना उनके आरोपों का भी जवाब दे दिया। प्रकाश सिंह ने आज साफ किया कि सरकार ने केवल उन्हें ही जांच सौंपी थी। उनकी मांग पर एक आई.ए.एस. तथा एक आई.पी.एस. को सहयोगी के तौर पर तैनात किया गया था।