Edited By Deepak Paul, Updated: 18 Feb, 2019 02:21 PM
रॉयल एनफील्ड या (किसी भी तरह की बुलेट) चलाने वाले पारम्परिक तौर पर उनके इंजन को पसंद करते हैं...
यमुनानगर (सतीश): रॉयल एनफील्ड या (किसी भी तरह की बुलेट) चलाने वाले पारम्परिक तौर पर उनके इंजन को पसंद करते हैं लेकिन कुछ लोग इसके स्टॉक एग्जॉस्ट को सस्ते वैकल्पिक साइलैंसर के साथ रिप्लेस कर देते हैं जो बेहद तेज और खीज पैदा करने वाली आवाज पैदा करते हैं लेकिन जो लोग इस तरह के साइलैंसर को लगा कर सड़कों पर स्टाइल मार रहे हैं वह सतर्क हो जाएं क्योंकि ऐसे लोगों पर जिला पुलिस की नजर है। इसी को लेकर सिटी एस.एच.ओ. यमुनानगर नवीन सिंधु ने अपने कार्यालय में मैकेनिक एसोसिएशन के साथ बैठक की। उन्होंने दो टूक बात कही कि दुकानदार इस तरह के साइलैंसर बेचने और फिट करना बंद कर दे। उनका सहयोग मिला तो ठीक वरना बुलेट चालक से साइलैंसर बेचने और फिट करने वाले मैकेनिक पर कार्रवाई होगी।
हमें तो यूं ही किया जा रहा बदनाम : यूनियन
बैठक में शामिल मैकेनिक यूनियन के प्रधान सुरजीत सिंह, महासचिव आशीष अरोड़ा, कैशियर बलजीत, मनविंद्र सिंह, चरणजीत गेरा, ब्रजेश चानना व रवि कुमार ने पुलिस से कहा कि हमें तो यूं ही बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने तो साइलैंसर बेचने और फिट करने बंद कर दिए हैं। अब तो लाडवा, बिलासपुर, नारायणगढ़ व अन्य ब्लॉक के मैकेनिक ये कार्य कर रहे हैं। इसी तरह मैकेनिकों ने कहा कि बुलेट के साइलैंसर में यदि डंडा डालकर देखा जाए और वह साइलैंसर के अंदर चला जाए तो पुलिस कार्रवाई करे। इस पर एस.एच.ओ. ने कहा कि साइलैंसर के पक्ष में वकालत करने की जरूरत नहीं है, वे 100 कि.मीटर की रेंज तक के मैकेनिकों का नाम बताएं। मकसद एक ही है कि इस तरह के साइलैंसर पर रोक लगे।
ऐसे साइलैंसर कई के लिए खतरनाक
कई मामलों में मोडिफाइड एग्जॉस्ट वाली रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल्स से स्थानीय इलाकों की शांति भंग होती है। इसके अलावा, दिल के मरीजों, छोटे बच्चों और सीनियर सिटीजन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इससे समस्या से निपटने के लिए पुलिस कई तरीकों को अपना रही है। बुलेट चालकों को कोई अधिकार नहीं वे शहर की शांति भंग करे।
मैकेनिकों पर कार्रवाई का विकल्प खुला : एस.पी.
एस.पी. कुलदीप सिंह यादव ने बताया कि जो भी बुलेट चालक पटाखे बजा रहे हैं उन पर संबंधित पुलिस कार्रवाई कर रही है। अब सभी चौकी व थाना इंचार्ज को मैकेनिकों के साथ बैठक के निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि मैकेनिक सहयोग करेंगे। वरना उन पर कार्रवाई का विकल्प खुला है।