Edited By Updated: 23 Nov, 2015 07:18 PM
अनेकता में एकता के रूप में मनाए जाने वाले कपालमोचन मेले में हर कोई अपनी-अपनी इच्छा को लेकर आ
यमुनानगर(सुमित अॉबरोय): अनेकता में एकता के रूप में मनाए जाने वाले कपालमोचन मेले में हर कोई अपनी-अपनी इच्छा को लेकर आ रहा है। इसी प्रकार से मेले में सूर्य कुंड के सरोवर के किनारे पर लगा कदम का वृक्ष भी श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। मेले में आने वाली महिलाएं व अन्य श्रद्धालु यहां दीप करने के अलावा इस पेड़ की पूजा करना भी नहीं भूलते।
मेले में आए श्रद्धालुओं की मानें तो यह स्थान महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यहां लगे इस कदम के वृक्ष के नीचे ही कुंती को पुत्र के रूप में कर्ण की प्राप्ति हुई थी। उसके बाद कार्तिक माह में जो भी महिला व पुरुष यहां आकर पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं। उसे अगले साल तक पुत्र मिल जाता है। इसलिए कामना किए जाने के दौरान वह पहले यहां धागा बांधकर जाते हैं और मनोकामना पूरी होने पर यहां आकर धागा खोलते है।