Edited By kamal, Updated: 21 Apr, 2019 10:30 AM
शहर में जगह-जगह जैनरेटर चलाए जा रहे हैं। जिससे वायु और ध्वनि दोनों तरह का प्रदूषण फैल रहा हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व प्रशासन...
यमुनानगर(नेहा): शहर में जगह-जगह जैनरेटर चलाए जा रहे हैं। जिससे वायु और ध्वनि दोनों तरह का प्रदूषण फैल रहा हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान हैं। शहरी क्षेत्र में जैसे-जैसे बिजली किल्लत बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे बाजार में दुकानों के आगे रखे जैनरेटरों के कारण प्रदूषण में भी खासा इजाफा हो रहा हैं। जगाधरी में गलियों में चल रही फैक्टरियों में भी जैनरेटरों का खुलेआम प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसके कारण आसपास रहने वाला जन जीवन प्रभावित हो रहा हैं।
अपने आवश्यक काम निपटाने के लिए दुकानदारों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान चलाने वालों ने जैनरेटरों की व्यवस्था की हुई हैं। जैसे ही बिजली गुल होती है, जैनरेटरों का शोर शहर के प्रत्येक बाजार में लोगों के कानों में दर्द करने लगता है। इतना ही नहीं, इसके धुएं के कारण सारे बाजार में प्रदूषण की एक परत जमने लगती है। अगर कोई पड़ोसी दुकानदार जैनरेटर पर एतराज जताता है तो जैनरेटर मालिक लडऩे को तैयार हो जाता हैं।
लोगों ने नगर परिषद और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस तरह जैनरेटर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिससे आम लोगों को राहत मिल सके। मॉडल कालोनी निवासी अजय कुमार, सुरेश, राम नारायण का कहना है कि बिजली न होने के स्थिति में दुकानदारों द्वारा जैनरेटरों का प्रयोग करना तो स्वाभाविक है लेकिन दुकानों के आगे ही जिस तरह से जैनरेटरों को खड़ा कर दिया जाता हैं, उससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़़ता हैं। बाजारों में अभी पता ही नहीं कितने जैनरेटर रखे गए हैं।
जिनमें से अधिकतर जैनरेटरों में ध्वनि प्रदूषण को कम करने का इंतजाम तक नहीं किया गया हैं। इतना ही नहीं, धुआं भी आसपास फैलता रहता है। जबकि एक पाइप के सहारे धुएं को काफी ऊपर छोडऩा चाहिए और इन्हें ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए, जहां से आने जाने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो। वैसे तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग करने वालों के चालान काटे जाते हैं। मगर जैनरेटरों के कारण जो प्रदूषण फैल रहा है, उस तरफ विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं।