नहर में सफाई के ठेके  की आड़ में हो रहा अवैध खनन

Edited By kamal, Updated: 22 Apr, 2019 03:12 PM

illegal mining happening in the canal

पश्चिमी यमुना नहर में सफाई ठेकेदार द्वारा सफाई नहीं की जा रही है। ठेकेदार को ठेका तो सफाई करने का दिया गया था परंतु ठेकेदार...

यमुनानगर(भारद्वाज): पश्चिमी यमुना नहर में सफाई ठेकेदार द्वारा सफाई नहीं की जा रही है। ठेकेदार को ठेका तो सफाई करने का दिया गया था परंतु ठेकेदार सफाई कार्य छोड़ खनन कार्य करने में व्यस्त हैं। पश्चिमी यमुना नहर में बहती गंदगी को हर समय बहते देखा जा सकता है। यमुना नहर की ऊपरी परत पर सफाई करने का ठेका प्रशासन द्वारा दिया गया था ताकि नहर के किनारे बने घाटों पर पूजा पाठ करने के लिए व अन्य कार्यों के लिए किसी को गंदगी का सामना न करना पड़े परंतु स्थिति इसके विपरीत देखी जा रही है।

घाटों पर ही जगह-जगह गंदगी के ढेर जमा हैं। क्षेत्रवासी राजेश कुमार, अविनाश राम, प्रकाश, दीनदयाल, गुरमुख सिंह आदि का कहना है कि जिस प्रकार अन्य नहरों की सफाई को लेकर अभियान चलाए जाते हैं। उसी प्रकार इन नहरों की ओर भी सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए परंतु प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर सफाई ठेकेदार खनन कार्य कर मोटी कमाई कर रहा है।  
 
खनन भी हो रहा हाईटैक तरीके से 
ठेकेदार द्वारा यह खनन हाईटैक तरीके से किया जा रहा है। इंजन और पाइप का प्रयोग कर के किश्ती में मशीन को फिट कर दिया जाता है। किश्ती में फिट यह मशीन गहराई तक जाकर रेत निकालती है। आम आदमी को लगता है कि पानी में जमी गंदगी की सफाई हो रही है परंतु वास्तव में सफाई कार्य न होकर खनन कार्य होता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध खनन कर करोड़ों रुपए का रेत निकालकर बेच दिया गया है।

प्रशासन को नजर नहीं आ रहे रेत के स्टाक 
प्रताप नगर से लेकर रादौर तक पश्चिमी यमुना नहर के साथ-साथ रेत के बड़े-बड़े स्टाक पहाड़ के रूप में दिखाई देते हैं बूडिय़ा से शुरू होकर रेत की स्टाक आगे तक देखे जा सकते हैं। ग्रामीण पृथ्वी सिंह, सुरजन सिंह, मेहर सिंह, लालचंद, गुलाब चंद आदि का कहना है कि आम जनता को तो रेत के स्टाक नजर आ रहे हैं परंतु प्रशासन को यह रेत के पहाड़ नजर नहीं आते कई जगह पर तो रेत बिकाऊ है, के बोर्ड भी बाकायदा लगाए गए हैं। आम जनता प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाने से भी नहीं चूक रही है।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि इन रेत के पहाड़ों से आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेत उड़कर उनकी आंखों में पड़ता है। इसके अतिरिक्त रेत के स्टाक लगने से रास्तों की चौड़ाई भी कम रह गई है। उनका कहना है कि प्रशासन ठेकेदार पर मेहरबान क्यों है। ठेका तो 2 वर्ष पूर्व पश्चिमी यमुना नहर में गंदगी को साफ करने का दिया था परंतु सफाई कार्य तो कहीं नजर नहीं आ रहा उलटा पानी में बहती गंदगी जरूर दिखाई दे रही है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द ठेकेदार को नहरी पानी की सफाई के निर्देश दें ताकि यह हेराफेरी बंद हो सके। 

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