करोड़ों का लेन-देन, शोरूम के आगे 2 घंटे चला हाई प्रोफाइल ड्रामा

Edited By Deepak Paul, Updated: 21 Jan, 2019 11:14 AM

crores of transactions 2 hours ahead of the showroom high profile drama

प्यारा चौक स्थित क्लासिक क्रिएशन के बाहर 2 घंटे तक हाई प्रोफाइल ड्रामा चला। दोनों ओर से लोग रोने लगे और चीख पुकार मच गई। लोगों ने शोरूम संचालक के पिता और उसकी बहन पर गंभीर आरोप लगाए

यमुनानगर (सतीश): प्यारा चौक स्थित क्लासिक क्रिएशन के बाहर 2 घंटे तक हाई प्रोफाइल ड्रामा चला। दोनों ओर से लोग रोने लगे और चीख पुकार मच गई। लोगों ने शोरूम संचालक के पिता और उसकी बहन पर गंभीर आरोप लगाए और उनसे बहस की। हुआ यूं कि रविवार दोपहर इस शोरूम से आटो के जरिए कुछ सामान को शिफ्ट किया जा रहा था। लोगों को इसकी भनक लगी तो एक-एक करके सैंकड़ों लोग शोरूम के बाहर इकट्ठा हो गए।

भीड़ में शामिल मीनू ने कहा कि उसने मकान बेचकर संचालक को पैसे दिए थे अब उसे रजिस्ट्री कराने के लिए पैसे की जरूरत है, वह किसके दर जाए। उसने 41 लाख रुपए लेने की बात कही। इसी तरह राजीव ने कहा कि उसे 17 लाख रुपए की सख्त जरूरत है। उसे भी रजिस्ट्री करवानी है। बृजेश ने कहा कि उसने 20 लाख रुपए लेने हैं और संचालक मौके पर नहीं है, वह कहां जाए। इसी तरह भीड़ में शामिल एक महिला ने कहा कि 3 दिन बाद उसकी बेटी की शादी है। संचालक को इसी लिए पैसा दिया था कि शादी के मौके पर काम आएगा लेकिन वह मौके पर नहीं है।

वहीं संचालक के पिता 76 वर्षीय राजिंद्र कुमार का कहना है कि वह और उसका परिवार खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। यदि उन्हें सुरक्षा मिले तो शोरूम खोल सकते हैं जो भी कमाई होगी धीरे-धीरे करके लोगों का उधार वापस करेंगे। उनका कहना है कि उनके स्तर पर कोई खामी नहीं है। वहीं उनकी बेटी रितु व उसके बेटे शिवम का कहना है कि लोग उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं। इस पूरे मामले में उनका कोई कसूर नहीं है। 

छोटे से बड़ा कारोबारी है प्रभावित 

भीड़ में शामिल लोगों ने बताया कि शोरूम संचालक चिटफंड यानी कमेटी का काम करता था। करोड़ों का लेनदेन है, शायद इसीलिए संचालक मौके पर नहीं है। उन्होंने बताया कि पूरी मीरा बाजार, स्पेयर पार्टस कारोबारी, प्लाईवुड कारोबारी, सब्जी मंडी के आढ़ती के साथ-साथ हर छोटा-बड़ा कारोबारी का यहां लेनदेन है। इन्होंने बताया कि यह पैसा आज का नहीं बल्कि 8 से 10 साल पुराना है। लोगों में संचालक को लेकर इतना विश्वास हो गया था कि वे अपनी कमेटी तक नहीं उठाते थे। मैच्योर कमेटी को आगे लगाने के लिए कह देते थे। 

ऐसे समझिए इस धंधे को

इसी धंधे से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि यह कज्जा लालच है। पूरा शहर कमेटी और फाइनैंस के मकडज़ाल में फंसा हुआ है। इनसे निकलना बड़ा मुश्किल काम है। उन्होंने बताया कि एक कमेटी में 20 मैंबर होते हैं। उदाहरण के तौर पर सबसे पहली कमेटी 65 हजार की और आखिरी कमेटी 85 हजार की होती है। यदि व्यक्ति 65 हजार की कमेटी उठा लेगा तो उसे आखिर तक 85 हजार देने होंगे। यानी उसे अढ़ाई से 3 प्रतिशत अधिक ब्याज देना होगा। वहीं यदि व्यक्ति अंतिम 85 हजार की कमेटी उठाता है तो उसे 95 हजार मिलेंगे यानी उसे डेढ़ प्रतिशत अतिरिक्त पैसा मिलेगा। आखिरी कमेटी लेने में जोखिम रहता है कि कहीं कमेटी डालने वाला फरार न हो जाए। शुरू में कमेटी लेने वाले को अढ़ाई से 3 प्रतिशत ब्याज देना ही जोखिम का काम होता है। 

विश्वास के कारण बढ़ी राशि

बातचीत में सामने आया कि इस धंधे से शहर की बड़ी-बड़ी पाॢटयां जुड़ी थीं। कमेटी डालने वाला उनसे किस्त ही नहीं मांगता था। धीरे-धीरे विश्वास और राशि बढ़ती चली गई। बताया जा रहा है कि यह धंधा 8 से 10 साल पुराना है। जिन लोगों की कमेटी मै४योर हो जाती थी वे इस कमेटी को 2 प्रतिशत पर आगे देने के लिए कह दिया करते थे। इतना ही नहीं यदि किसी व्यक्ति की 20 लाख की कमेटी है तो उसे 40 हजार रुपए ब्याज आएगा तो वह इस 40 हजार को भी एक और कमेटी डालने के लिए कह देता था। 

लाइसैंस यानी कोई गारंटी नहीं 

शहर के बुद्धिजीवी एवं एडवोकेट अमनदीप सिंह ने बताया कि चिट फंड या फाइनैंस का काम करने के लिए मनी लैंङ्क्षडग लाइसैंस की आवश्यकता होती है। शहर में यह चुङ्क्षनदा लोगों के पास है। 
इस लाइसैंस का मतलब है कि आप यह काम कर सकते हैं। सरकार या जिला प्रशासन आप पर हाथ नहीं डाल सकता लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि लाइसैंस धारक आपके पैसे लेकर नहीं भाग सकता। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से बैंक सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है। 

होनी चाहिए जांच : यशपाल  

पुलिस से रिटायर्ड इंस्पैक्टर यशपाल शर्मा का कहना है कि फाइनैंस व चिट फंड करने वाले लोगों की जांच होनी चाहिए। आखिर यह आम और खास आदमी का पैसा इन्वैस्ट कर रहे हैं। कई लोग पूर्व में भी चोट खा चुके हैं। कुछ तो आत्महत्या कर चुके हैं। उनका कहना है कि पुलिस या राजनेता इस मामले में लोगों की सुरक्षा के लिए कोई न कोई कदम उठा सकते हैं। शहर में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मामले सामने आए हैं। जब घटना घट जाती है तब कुछ दिन चर्चा होने के बाद मामला दब जाता है जबकि इसका स्थायी हल होना चाहिए। 

ये हो सकता है हल 

बैंक से रिटायर्ड अधिकारी आर.के. वोहरा ने बताया कि ई-डिजीटल के जमाने में लोग इनके झांसे में नहीं आएं। ब्याज की उम्मीद कम रखें। पारदॢशता वाले काम में ही पैसे लगाएं। इसके अलावा जो व्यक्ति अनाप-शनाप ब्याज का लालच दे रहा है उसके चक्कर में आपकी मूल रकम और ब्याज दोनों जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे। कोई ऐसी योजना चले जहां बैंक से ज्यादा ब्याज मिलता हो। 

मौखिक तौर पर बोल रहे लोग : वालिया 
थाना शहर के कार्यवाहक एस.एच.ओ. प्रमोद वालिया का कहना है कि हंगामे की सूचना पर मौका किया गया था। लोगों को समझाबुझाकर शांत करवाया गया। उन्होंने बताया कि लोगों ने लाखों रुपए के मौखिक आरोप लगाए हैं। अभी तक इनके खिलाफ 2 शिकायतें आई हैं। रविवार को किसी ने भी लिखित शिकायत नहीं दी। ऑन रिकार्ड बात पर ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। यदि लोगों को दिक्कत है तो वे कोर्ट जा सकते हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!