सजा पाए लोगों के बच्चों का जाना दुख-दर्द

Edited By Updated: 11 Sep, 2015 06:34 PM

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जिला बाल संरक्षण यूनिट के तत्वावधान में समेकित बाल संरक्षण समिति द्वारा इलाके के उन लोगों के परिवारों का दौरा किया

यमुनानगर,(सरनदीप सिंह) : जिला बाल संरक्षण यूनिट के तत्वावधान में समेकित बाल संरक्षण समिति द्वारा इलाके के उन लोगों के परिवारों का दौरा किया जिनका मुखिया या अन्य विभिन्न मामलों में सजा पाए हुए हैं। 

समिति से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता सरिता मिश्रा ने बताया कि जेलों में सजा पा रहे कैदियों के बच्चे दुर्दशा का शिकार हो जाते हैं। उनकी पढ़ाई आदि छूट जाती है तथा उन्हें कम उम्र में ही मेहनत मजदूरी करने पर विवश होना पड़ता है। अनेक बच्चे तो गलत कार्य ओर भी अग्रसर हो जाते हैं। उन्होंंने बताया कि वे जेलों में जाकर उन कैदियों से संपर्क करते हैं जिनके घरों में बच्चे होते हैं। इसके बाद वे उन घरों का दौरा करके उन बच्चों तथा उनका संरक्षण कर रहे लोगों की समस्याओं से रूबरू होते हैं। 
सरिता मिश्रा ने बताया कि ऐसे बच्चों के लिए अनेक प्रावधान रखे गए हैं। जो बच्चे वास्तव में आर्थिक दृष्टि से कमजोर जीवन गुजार रहे होते हैं ऐसे हर बच्च को 2000 रुपए तक दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि साढौरा  में उन्होंने ऐसे परिवारों से संपर्क किया, जिनके बच्चे वास्तव में दुख भर जीवन व्यतीत करने पर विवश थे। बाल संरक्षण यूनिट के लीगल अधिकारी रंजन शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के केसों में आम लोगों को भी उनकी यूनिट से संपर्क करना चाहिए, ताकि उनको ऐसे बच्चों की जानकारी मिल सके। 

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