शूगर मिल का ऑफलाइन सर्वे हुआ पूरा, साढ़े 14 हजार एकड़ भूमि में किसानों ने उगाया गन्ना

Edited By Naveen Dalal, Updated: 24 Jun, 2019 10:45 AM

sugar mill s offline survey completed 14 000 acres of land

पिराई सत्र 2019-20 के लिए सोनीपत शूगर मिल ने करीब एक माह पहले शुरू किया गया गन्ना सर्वे का काम पूरा कर लिया है। सर्वे रिपोर्ट के अंतर्गत...

सोनीपत: पिराई सत्र 2019-20 के लिए सोनीपत शूगर मिल ने करीब एक माह पहले शुरू किया गया गन्ना सर्वे का काम पूरा कर लिया है। सर्वे रिपोर्ट के अंतर्गत करीब साढ़े 14 हजार एकड़ में किसानों ने विभिन्न किस्मों का गन्ना उगाया है। सर्वे के बाद उम्मीद की जा रही है कि आगामी पिराई सत्र के दौरान करीब 35 लाख किं्वटल गन्ने का बॉन्ड किसान शूगर मिल के साथ कर सकते हैं। गौरतलब है कि जिले में सोनीपत और गोहाना में शूगर मिलें स्थापित हैं। शूगर मिलों में नवम्बर माह से अप्रैल माह के अंत तक पिराई सत्र की चलता है। 

पिराई सत्र के दौरान कितना गन्ना मिल में पहुंच सकता है और उस से संबंधित तैयारियों के मद्देनजर जून माह में ही शूगर मिलों द्वारा गन्ने के रकबे का सर्वे करवाया जाता है। जिसके अंतर्गत गन्ने की किस्मों से लेकर क्षेत्रफल का रिकार्ड तैयार किया जाता है। इसी रिकार्ड के आधार पर आगे चलकर किसान और शूगर मिल के बीच में गन्ने का बॉन्ड फाइनल होता है। सोनीपत शूगर मिल ने गन्ने का ऑफलाइन सर्वे पूरा कर लिया है जिसके अंतर्गत गांव-गांव में जाकर शूगर मिल की स्पैशल टीमों ने गन्ने का रिकार्ड तैयार किया है। परन्तु अब किसानों को सरसों, मक्के की फसलों की तरफ ही गन्ने के रकबे का भी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा।

मार्कीटिंग बोर्ड जल्द ही मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर गन्ने का रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर देगा। बाद में शूगर मिल उक्त रिकार्ड को ऑनलाइन सीधे पोर्टल से प्राप्त करेगा। पोर्टल पर गन्ने के रजिस्ट्रेशन करवाने की अंतिम तिथि अभी घोषित नहीं की गई है। हालांकि माना जा रहा है कि किसानों को गन्ने के रजिस्ट्रेशन के लिए अक्तूबर-नवम्बर तक का समय दिया जा सकता है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के खिलाफ किसान, कहा- अब तक ऑफलाइन सर्वे होता रहा है, यही ठीक है 

गन्ने की पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों से किला नम्बर आदि कई प्रकार की जानकारी मांगी जा रही है। जिसकी वजह से किसानों ने इस प्रक्रिया के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। किसान इस संबंध में अब सोमवार को शूगर मिल के एम.डी. से मुलाकात करने भी जा सकते है। रोषित किसानों ने बताया कि बड़ी संख्या में किसान दूसरे किसानों से जमीन को किराए पर लेकर गन्ने की खेती करते हैं। ऐसे किसानों के पास जमीन का फर्द नहीं होती। जिसकी वजह से संबंधित खेत के गन्ने का रिकार्ड खेती करने वाले किसान के नाम नहीं दर्ज हो पाता। किसानों ने कहा कि अब तक ऑफलाइन सर्वे होता रहा है, यही सर्वे ठीक है। इससे प्रत्येक गन्ना उत्पादक किसान का रिकार्ड शूगर मिल के पास पहुंचता है और बान्ॅड भी संबंधित किसान के नाम ही होता है। 
 

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