Edited By Isha, Updated: 24 Jan, 2020 01:29 PM
सोनीपत शूगर मिल की चिमनी में आई तकनीकी खराबी ने कई किलोमीटर के दायरे में बसे विभिन्न कालोनी वासियों की परेशानी बढ़ा दी है। आलम यह है कि वीरवार को चिमनी से निकली राख शहर के सैक्टर
सोनीपत: सोनीपत शूगर मिल की चिमनी में आई तकनीकी खराबी ने कई किलोमीटर के दायरे में बसे विभिन्न कालोनी वासियों की परेशानी बढ़ा दी है। आलम यह है कि वीरवार को चिमनी से निकली राख शहर के सैक्टर-14 और सैक्टर 15 तक भी पहुंच गई। जिसकी वजह से सैक्टरवासियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ एम.डी. शूगर मिल को भी शिकायत की है। दरअसल, सोनीपत से बाहर जाहरी रेल ओवरब्रिज के पास शूगर मिल स्थित है। इन दिनों सोनीपत शूगर मिल में पिराई सत्र चलने की वजह से हर रोज करीब 20 हजार किं्वटल गन्ने की पिराई हो रही है।
मिल में टरबाइन चलाने के लिए गन्ने की सूखी हुई खोई को जलाया जाता है। इस प्रक्रिया से शूगर मिल की चिमनी में से धुआं निकलता है। परन्तु पिछले कई दिनों से चिमनी में तकनीकी खामियां आने की वजह से चिमनी से धुएं के साथ कई गुणा ज्यादा राख निकल रही है। तेज हवाएं चलने की वजह से यह राख अपने आसपास की कालोनियों के साथ-साथ अब शहर के सैक्टरों तक भी पहुंचनी शुरू हो गई है।
गाडिय़ों व घरों की छतों पर जमी मिली राख की परत
पिछले कई दिनों से शहर के सैक्टर 14 व सैक्टर 15 तक सोनीपत शूगर मिल की चिमनी से निकलने वाली राख पहुंच रही है। वीरवार को स्थित ऐसी थी कि सैक्टर 14 व सैक्टर 15 में बाहर खड़ी गाडिय़ों, घरों की छतों पर राख की मोटी परत जमी मिली। सैक्टर वासियों ने बताया कि जो भी कपड़ा या सामान घर के बाहर या खुली छत पर रह जाता है तो उस पर राख की परत जमी मिलती है। लोगों को अब सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। सैक्टर 14, सैक्टर 15 के साथ-साथ हाऊस बोर्ड कालोनी, ऋषि कालोनी, हलवाई हट्टा, सब्जी मंडी, चावला कालोनी, भीम नगर, सैनीपुरा, देवडू रोड, शिव कालोनी, जीवन विहार, धानक बस्ती, जटवाड़ा गांव आदि क्षेत्र भी सोनीपत शूगर मिल की चिमनी की राख से प्रभावित है।
चिमनी में नीचे तक नहीं पहुंच रहा पानी, कैमिकल भी बदला
वातावरण में चिमनी के माध्यम से राख न जाए, इसके लिए धुएं को पानी से गुजारा जाता है। जिसके चलते राख नीचे बैठ जाती है और साफ धुआं आसमान में पहुंचता है, परन्तु यह प्रक्रिया ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है। इसके अतिरिक्त वातावरण में राख को रोकने के लिए शूगर मिल द्वारा विशेष कैमिकल का भी प्रयोग किया जाता है, इस बार कैमिकल की गुणवत्ता भी खराब मिली है। जिसकी वजह से एम.डी. ने कैमिकल को बदलने के निर्देश दे दिए है। सोनीपत शूगर मिल में अब तक 9 लाख किं्वटल से अधिक गन्ने की पिराई की जा चुकी है।