दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग की सुरक्षा को लेकर एजैंसियां अलर्ट

Edited By Deepak Paul, Updated: 11 Feb, 2019 11:57 AM

agencies alert about delhi ambala railroad safety

आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय 2 दिनों से राजस्थान में रेलवे टै्रक पर बैठे हुए हैं। आंदोलनकारियों का आंदोलन महाआंदोलन में न बदले इससे पहले रेलवे की खुफिया एजैंसियां अलर्ट हो गई है। आंदोलन के चलतेे रेलवे ने दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर स्थित...

सोनीपत: आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय 2 दिनों से राजस्थान में रेलवे टै्रक पर बैठे हुए हैं। आंदोलनकारियों का आंदोलन महाआंदोलन में न बदले इससे पहले रेलवे की खुफिया एजैंसियां अलर्ट हो गई है। आंदोलन के चलतेे रेलवे ने दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर स्थित गुर्जर के करीबन 24 गांवों पर भी पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। यहीं नहीं स्टेशनों की सुरक्षा दृष्टि को बढ़ाते हुए रेलवे ने आर.पी.एफ. को भी कड़े निर्देश दे दिए हैं। 

गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय के लोग पिछले 2 दिनों से दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग पर स्थित सवाई माधोपुर के पास मकसूदनपुरा में रेलवे टे्रैक पर बैठे हुए हैं। आंदोलनकारियों की मांगों के समाधान को लेकर राजस्थान सरकार ने 3 मंत्रियों की एक टीम बनाई हुई है। गुर्जर समुदाय का आंदोलन महाआंदोलन में न बदले इससे पहले रेलवे सुरक्षा एजैंसियों ने अभी से कार्य करते हुए दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग की सुरक्षा बढ़ाते हुए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है, जो समालखा रेलवे स्टेशन के पास स्थित गुर्जर के करीबन 24 गांवों पर नजर रखेगी।

गुर्जर आंदोलन को बढ़ता देख उत्तर पश्चिम रेलवे ने 3 टे्रनों को रद्द किया तो 1 टे्रन के रूट में बदलाव किया, वहीं पश्चिम-मध्य रेलवे की बात करें तो पिछले 2 दिनों में करीबन 200 सवारी और एक्सप्रैस रद्द किया है व उनके रूट बदले हैं। गुर्जर आंदोलन के चलते दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर चलने वाली टे्रनों पर भी इसका असर देखा जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिमला गुजरान, चुलकाना, पट्टी कलियाणा, किवाना, भोडवाल माजरी, बापौली, खोजकीपुर, संजोली, जलालपुर, नन्हेरा, पसीना कलां, पसीना खुर्द, छाजुपर खुर्द व छाजपुर कलां आदि गांव शामिल हैं। 


रेलवे ने आर.पी.एफ. को  दिए कड़े निर्देश 
गुर्जर आंदोलन 2008-09 में भी हुआ था, इस दौरान भी दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर रेलवे ने सुरक्षा बढ़ाई थी, इसके बाद भी गुर्जरों ने इस मार्ग पर टे्रनों को रोक दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उस समय पसीना गांव में एक बैठक हुई थी, बैठक में जी.टी. रोड जाम करने का निर्णय लिया गया था, इस दौरान गोली चलने से गुर्जर समुदाय के 2 लोगों की मौत हो गई थी, इस घटना के चलते रेलवे टै्रक पर फिर पहुंचने लगे थे आंदोलनकारी, रेलवे टै्र्रक पर पहुंचते इससे पहले ही रेलवे पुलिस ने अलर्ट होते हुए आंदोलनकारियों को रेलवे टै्रक की तरफ नहीं बढऩे दिया। 

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