Edited By Isha, Updated: 22 May, 2019 11:49 AM
शहर के पशु अस्पताल में पशु चिकित्सक का पद रिक्त होने से शहर के अतिरिक्त कई गांवों को भी सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। पशु अस्पताल में लोग पशुओं का इलाज करवाने आते हैं तो
ऐलनाबाद (विक्टर): शहर के पशु अस्पताल में पशु चिकित्सक का पद रिक्त होने से शहर के अतिरिक्त कई गांवों को भी सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। पशु अस्पताल में लोग पशुओं का इलाज करवाने आते हैं तो कई बार स्टाफ न होने के कारण पशु अस्पताल बंद मिलता है। अस्पताल बंद होने की वजह से पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालक अपने बीमार पशुओं को लेकर अस्पताल के चक्कर काटते हैं मगर अस्पताल में पशु चिकित्सक नहीं मिलता है। आज एक पशुपालक का घोड़ा इलाज के अभाव में दम तोड़ गया तो पशुपालकों ने मृत घोड़े के शव के पास प्रदर्शन किया।
ऐलनाबाद के पशु अस्पताल में पशु चिकित्सक की हो स्थायी नियुक्ति : डा.गोदारा
ऐलनाबाद सीनियर वैटर्नरी चिकित्सक डा. सुभाष गोदारा से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐलनाबाद पशु अस्पताल का मेरे पास अतिरिक्त कार्यभार है और मेरी स्थायी तौर पर खंड के गांव मौजूखेड़ा में नियुक्ति है। जब किसी पशुपालक का फ ोन आता है तो मुझको मौजूखेड़ा से ऐलनाबाद जाना पड़ता है और फि र वापस मौजूखेड़ा आना पड़ता है। पशु अस्पताल ऐलनाबाद में स्थायी तौर पर डाक्टर की नियुक्ति की जानी अति आवश्यक है ताकि शहर व शहर के आसपास के पशुपालकों को पशु चिकित्सक उपलब्ध हो सके।
परेशान पशुपालकों ने उपमंडल अधिकारी को दिया ज्ञापन
शहर के हरजीत, सेवक राम, पप्पू राम, कुलवंत, भगत सिंह, हंसराज, इंद्राज, सतपाल, तरसेम, राजकुमार व कृष्णा देवी ने उपमंडल अधिकारी ऐलनाबाद को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि वैसे तो ऐलनाबाद में सरकार की तरफ से भव्य अस्पताल का निर्माण करवाया गया है लेकिन पशु चिकित्सक न होने की वजह से हम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि शहर के निवासी राजकुमार का घोड़ा बीमार था जिसको इलाज करवाने के लिए पशु अस्पताल ममेरा रोड पर लेकर आए लेकिन पशु चिकित्सक न मिलने के कारण सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई। इन लोगों का कहना था कि पशु चिकित्सक नहीं होने से पशुओं का इलाज नहीं हो पा रहा है।
अस्पताल में पशु चिकित्सक नहीं होने के कारण क्षेत्र के पशुपालकों को डोर-टू-डोर घूम रहे हैं। इन लोगों को नीम हकीमों से इलाज करवाना पड़ रहा हैं, जो दवाइयों के मुंह मांगे दाम वसूल रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस अस्पताल में पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जाए, ताकि आने वाले समय में पशुओं का उपचार सही समय पर हो सके।