नशेयां ने पट्ट लए गबरू, 3 साल में पंजाब-हरियाणा में 10 हजार करोड़ की हैरोइन पकड़ी

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 09 Jul, 2018 12:59 PM

sirsa intoxication heroin

राजनेताओं की शह-परस्ती का ही आलम है कि आज पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य नशीले पदार्थों की तस्करी का अड्डा बन गए हैं। पिछले 3 साल में ही इन दोनों राज्यों में 10 हजार करोड़ रुपए की हैरोइन पकड़ी जा चुकी है। भौगोलिक लिहाज से छोटे यह 2 राज्य हैरोइन, अफीम...

सिरसा (नवदीप): राजनेताओं की शह-परस्ती का ही आलम है कि आज पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य नशीले पदार्थों की तस्करी का अड्डा बन गए हैं। पिछले 3 साल में ही इन दोनों राज्यों में 10 हजार करोड़ रुपए की हैरोइन पकड़ी जा चुकी है। भौगोलिक लिहाज से छोटे यह 2 राज्य हैरोइन, अफीम और चूरापोस्त तस्करी का ऐसा हब गए हैं, जिसके धुएं से इन राज्यों की उजली तस्वीर अब धुंधली हो रही है। नारकोटिक्स ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में पुलिस ने हरियाणा में 657.85 किलोग्राम हैरोइन बरामद कर 669 लोगों को काबू किया। बाजार में इसकी कीमत करीब 3300 करोड़ रुपए बनती है। 

इस एक आंकड़े से जाहिर हो जाता है कि नौजवानी को उजाडऩे वाला नशे का कारोबार हरियाणा जैसे राज्य में कितना फैल चुका है? दरअसल चूरापोस्त, गांजा और अफीम के बाद अब हरियाणा और पंजाब में चिट्टा यानी हैरोइन तस्करी का धंधा गोरखधंधा बन गया है। तस्करी का यह नैटवर्क 7 समंदर पार तक फैला है और यहां की जवानी को खोखला कर रहा है। पुलिसिया आंकड़ों के  अनुसार ही हरियाणा में पिछले 3 साल में 820 किलोग्राम हैरोइन, 425 किलोग्राम अफीम पकड़ी जा चुकी है। 

नारकोटिक्स ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा और पंजाब जैसे भौगोलिक लिहाज से छोटे राज्य हैरोइन, हशीश, अफीम तस्करी के नए अड्डे बन गए हैं। साल 2016 में हरियाणा में 657.85 किलोग्राम हैरोइन पकड़ी गई और तस्करी के इस धुंधले पायदान में हरियाणा टॉप पर रहा। पंजाब में 2016 में 341.54 किलोग्राम हैरोइन पकड़ी गई और पंजाब दूसरे स्थान पर रहा। 2015 में पंजाब में 601.88 किलोग्राम जबकि हरियाणा में 155.92 किलोग्राम हैरोइन पकड़ी गई। अकेले हरियाणा में मादक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत पुलिस की ओर से साल 2017 में 2406 केस दर्ज कर 2383 लोगों को काबू किया गया। हालांकि नशे के बड़े सौदागरों के गिरेबां तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचते हैं। ऐसे में तस्करी अब गोरखधंधा बन गया है। पंजाब में पाकिस्तान बॉर्डर से तस्करी का यह धंधा बड़े पैमाने पर चलता है। चिट्टे का कहर है कि 2005 से 2015 तक ही पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों में 2 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 

वर्ष 2017 में दर्ज के स व बरामद नशा किलोग्राम में
नशा            मात्रा                केस       काबू
गांजा          4574.55        747       793
हशिश        118.86           235       155
हैरोइन       16.39             559       513
अफीम       84.39            122       157
चूरापोस्त   19300            843       765

वर्ष 2016 में दर्ज केस व बरामद नशा किलोग्राम में
नशा            मात्रा                केस        काबू
गांजा          2229.03          434        453
हशिश         237.63            230        224
हैरोइन        657.85            441        669
अफीम        167.34           123        142
चूरापोस्त    7840.7           499         453 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा नशाखोरी के उन्मूलन के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी और नशे के व्यवसाय में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। नशे का जहर फैलाने वालों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे यदि फिर भी कमी रहेगी तो प्रदेश में नशे पर शत-प्रतिशत अंकुश लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जा सकता है। किसी भी कीमत पर युवा को नशाखोर नहीं बनने दिया जाएगा। 
 

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