गेहूं के दामों में बढ़ोतरी की उम्मीद में किसान, घर में कर रहे भंडारण

Edited By Manisha rana, Updated: 08 Apr, 2022 04:59 PM

farmers are doing storage at home in anticipation of increase in wheat prices

बेशक सरकार द्वारा गेहूं की खरीद हर वर्ष ही 1 अप्रैल से शुरू कर दी जाती है लेकिन हर साल अक्सर 9 या 10 मार्च को ही गेहूं की कटाई शुरू होती...

ऐलनाबाद (सुरेन्द्र सरदाना) : बेशक सरकार द्वारा गेहूं की खरीद हर वर्ष ही 1 अप्रैल से शुरू कर दी जाती है लेकिन हर साल अक्सर 9 या 10 मार्च को ही गेहूं की कटाई शुरू होती है और मण्डियों में गेहूं की आवक भी 9 या 10 मार्च के बाद ही शुरू होती है। 12 व 13 मार्च तक मंडी इस तरह अट जाती रही है कि अगर ऐलनाबाद मंडी की बात करें तो इस मंडी के अलावा मंडी के साथ लगती हुड्डा कॉलोनी भी गेहूं के साथ इस कदर लबरेज हो जाती रही है कि हुडा के लोगो को अपने घरों में वाहनों पर आना जाना दूभर हो जाता था। लेकिन इस वर्ष ऐलनाबाद मंडी की तस्वीर कुछ और ही है। मार्च में एकाएक बढ़ गए तापमान से गेहूं की फसल गत वर्षों की अपेक्षा 10 से 12 दिन पहले पक कर तैयार हो गई है।

यानी वैज्ञानिक भाषा में गेहू की फसल प्रीमेच्योर हो गई है जिससे गत वर्षों की अपेक्षा प्रति एकड़ उत्पादन कम हो गया है। यानी किसानों के अनुसार जिन खेतों में गत वर्ष उत्पादन 23 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ था। वह उत्पादन घट कर 18 से 19 क्विंटल प्रति एकड़ रह गया है। आलम यह है कि 1 जनवरी को सरकारी खरीद शुरू होने पर भी 7 मार्च को ऐलनाबाद मंडी में मात्र 1400 क्विंटल तक की ही गेहूं की खरीद हुई जो कि एक चिंता का विषय है।

इसके इलावा भी अनाज मंडी में गेहूं के दूर दूर पड़े छोटे छोटे ढेर ही नज़र आते है और मंडी में सरसों की आवक बहुत अधिक है। मंडी में गेहूं कम आने का एक अन्य कारण यह भी है कि किसान को लग रहा है कि आने वाले समय में गेहूं के दामों में 500 से 600 रुपए प्रति क्विंटल में उछाल आने की संभावना है। जिसके चलते अधिकांश किसान अपनी ताकत के अनुरूप अपनी गेहूं का भंडारण कर रहे है और गेहूं विक्री के लिए मंडी में लाने से गुरेज कर रहे है। तीसरा कारण ओर भी है कि इस वर्ष क्षेत्र में गेहूं की बिजाई का क्षेत्रफल भी कम हुआ है और किसानों ने गेहूं की जगह सरसों की काश्त की है। यानी तीन कारण इकट्ठे हो जाने के चलते पहला उत्पादन कम, दूसरा गेहूं का किसान द्वारा भंडारण, तीसरा गेहूं का क्षेत्रफल कम होना। यह सभी कारण गेहूं की आवक को प्रभावित कर रहे है। आगे आने वाले दिनों में क्या होता है इस का अंदाज़ा तो गेहूं की शत प्रतिशत कटाई हो जाने के बाद ही लगेगा, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए लग रहा है कि ऐलनाबाद की मंडी में गेहूं की आवक बहुत ही कम रहेगी । अगर ऐसा रहा तो गेहू की आपूर्ति सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है ।

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