Edited By Isha, Updated: 18 Jul, 2019 01:49 PM
भले ही भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरैंस की नीति अपनाई हुई है। बावजूद इसके सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है। नगर परिषद में भ्रष्टाचार का खेल किसी से छिपा नहीं है। गलियों
सिरसा: भले ही भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरैंस की नीति अपनाई हुई है। बावजूद इसके सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है। नगर परिषद में भ्रष्टाचार का खेल किसी से छिपा नहीं है। गलियों के निर्माण की बात हो या शहर का अन्य कोई विकास कार्य, बिना कमीशन के गाड़ी आगे नहीं सरकती। कमीशन का यह पैसा परिषद में ऊपर से लेकर नीचे तक बंटता है। निर्माण कार्यांे के ठेकेदार और अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते सरकार द्वारा विकास कार्यांे के लिए जो पैसा भेजा जाता है, वह पूरा खर्च नहीं होता।
नतीजा निर्माण कार्य लम्बे समय तक नहीं चल पाते। शहर में हाल ही में नगरपरिषद द्वारा बनाई गई इंटरलॉकिंग गलियां ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। वार्ड नं. 26 व 27 स्थित गलियां धंसने का मामला अभी थमा ही नहीं था कि अब मानसून की पहली बरसात से सी.ब्लाक में बनाई गई नवनिर्मित इंटरलॉकिंग गली धंस गई।
इंटरलॉकिंग टाइलें अपनी जगह छोड़कर इधर-उधर बिखरने लगी है। इससे जाहिर होता है कि गली के निर्माण में नियमों का सलीके से पालन नहीं हुआ और निर्माण में घोर लापरवाही बरती गई है। गली निर्माण के दौरान परिषद अधिकारियों ने भी इसका जायजा लेना जरुरी नहीं समझा। एक ही बरसात में गली के निर्माण पर खर्च किए गए लाखों रुपए बर्बाद कर डाले गए। नगर परिषद के अधिकारी अब अपनी खाल बचाने के लिए सब कुछ नियमानुसार होने की बात कह रहे हैं। बेशक अधिकारी अपने कितने भी तर्क दे लें लेकिन गली के हालात ये बयान करने के लिए काफी हैं कि निर्माण में गड़बड़झाला हुआ है।