बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे को फेल कर रहा रानियां का कन्या महाविद्यालय

Edited By Isha, Updated: 10 Aug, 2019 02:25 PM

beti bachao  queen s college of girls failing the slogan of beti padhao

बेशक भाजपा सरकार ने रानियां क्षेत्र की कई वर्षों से लंबित मांग लड़कियों के लिए कालेज बनाने को पूरा किया है लेकिन भाजपा सरकार ने इस मांग को केवल कागजी कार्रवाई में ही पूरा किया है, धरातल पर

रानियां (सतनाम): बेशक भाजपा सरकार ने रानियां क्षेत्र की कई वर्षों से लंबित मांग लड़कियों के लिए कालेज बनाने को पूरा किया है लेकिन भाजपा सरकार ने इस मांग को केवल कागजी कार्रवाई में ही पूरा किया है, धरातल पर देखा जाए तो अभी तक कन्या महाविद्यालय में बहुत सी कमियां पड़ी हैं, जो कन्या महाविद्यालय की मूल जरूरत है। शिक्षक के बिना कालेज में दाखिल हुई बेटियां शिक्षा कहां से प्राप्त करेंगी। बिना इमारत के बेटियां कहां पर बैठेंगी।

ये दोनों ही कालेज के लिए बहुत ही जरूरी है, जिसे भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया है। वैसे भाजपा सरकार ने बड़ी-बड़ी डींगें हांकी कि रानियां की सबसे लंबित मांग कन्या महाविद्यालय को भाजपा सरकार ने पूरा किया है। लोगों का कहना है कि केवल घोषणा कर देना या उसका कच्चा खाका बनाने से मांग पूरी नहीं होती है। मांग को तभी पूरा माना जाएगा, जब कन्या महाविद्यालय में सभी वस्तुओं की पूॢत होगी और कालेज प्रांगण में चहचाहट करने वाली बेटियों का उज्ज्वल भविष्य निखरता दिखाई देगा। 

छात्राओं को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
कन्या महाविद्यालय रानियां में कमरे अभी तक बनकर तैयार नहीं हुए हैं। ठेकेदार बहुत ही धीमी गति से कार्य करवा रहा है। भाजपा सरकार व प्रशासन की लापरवाही के कारण अभी तक कार्य लटका हुआ है। जिसकी वजह से छात्राओं को खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। तपती गर्मी के कारण महाविद्यालय की छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

शिक्षकों की कमी कन्याओं के भविष्य से कर रही खिलवाड़
हालांकि 88 गांवों के लोगों को रानियां कन्या महाविद्यालय बनने से सुविधा हुई है। शहर व आसपास के गांवों की छात्राओं को पढऩे के लिए 25 किलोमीटर दूर सिरसा जाना पड़ता था लेकिन जब रानियां में कन्या महाविद्यालय बन गया तो कन्याओं ने यहां दाखिला ले लिया। लेकिन अध्यापकों की कमी के चलते छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। छात्राएं हर रोज तैयार होकर घर से कालेज आती हैं और अध्यापक न होने के कारण वापस बिना शिक्षा ग्रहण किए चली जाती हैं।  अगर पूरा वर्ष अध्यापक उपलब्ध नहीं हो पाए तो छात्राएं कहां से पास हो जाएगी और उनका 1 साल का समय बर्बाद हो जाएगा, जो भविष्य में नासूर बनकर उनके जीवन में चुभने का काम करेगा। जिसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार प्रशासन है। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!