खट्टर सरकार 65 प्रकार के स्टांप शुल्कों में भारी वृद्धि वापिस लें: सुरजेवाला

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 18 Sep, 2018 11:21 AM

khattar government withdraws huge increase in 65 types of stamp duty

मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा हैै कि खट्टर सरकार 65 प्रकार के स्टांप शुल्कों में भारी वृद्धि वापिस ले । सरकार ने इकरारनामे के स्टांप शुल्क में की 889 गुणा वृद्धि....

चंडीगढ़(धरणी): मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा हैै कि खट्टर सरकार 65 प्रकार के स्टांप शुल्कों में भारी वृद्धि वापिस ले । सरकार ने इकरारनामे के स्टांप शुल्क में की 889 गुणा वृद्धि; पार्टनरशिप डीड की फीस को 267 गुणा बढ़ाते हुए 3.75 रु से बढ़ाकर 1 हजार रु. करना तुगलकी फैसला हैं। खट्टर सरकार द्वारा इकरारनामे, मुख्तारनामे और पार्टनरशिप डीड जैसे 65 प्रकार के स्टांप शुल्कों में  भारी वृद्धि के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोर कमेटी सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस जनविरोधी फैसले को तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की मांग की है।

सुरजेवाला ने कहा कि जनता का विश्वास खो चुकी खट्टर सरकार अब एक के बाद एक ऐसे मनमाने फैसले लेकर जनता की जेब पर डाका डालने की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों से पहले ही नित रोज बढ़ रही महंगाई की मार झेल रही प्रदेश की जनता पर अब खट्टर सरकार ने 65 तरह की डीड के स्टांप रेट बढ़ाकर आम जनता की एक प्रकार से कमर तोडऩे का प्रयास किया है। भाजपा सरकार अपने निकम्मेपन व नकारापन के लिए तो पहले से ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रही है और आम जनजीवन में दैनिक इस्तेमाल होने वाली 65 प्रकार की फीस बढ़ाकर अपने जनविरोधी होने पर मुहर भी लगा दी।

सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने पार्टनरशिप डीड की फीस को 267 गुणा बढ़ाते हुए 3.75 रु से बढ़ाकर 1 हजार रु. कर दिया और इकरारनामे में स्टांप शुल्क को 2.25 रु. से बढ़ाकर 2 हजार रु. कर दिया गया है, जो 889 गुणा ज्यादा है। इसी प्रकार मुख्तारनामे के लिए लगने वाली स्टांप शुल्क में 333 प्रतिशत वृद्धि करते हुए अब 300 रु की जगह 1000 रु देने होंगे। पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए अब 37.50 पैसे के बजाय 100 रु. का स्टांप पेपर लगेगा। 

सुरजेवाला ने याद दिलाया कि पहले खट्टर सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दामों पर राहत देने की बजाय उल्टा पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत से बढा़कर 25 प्रतिशत तथा डीजल पर वैट 9.24 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.22 प्रतिशत करके जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया था। आज कच्चे तेल के सस्ते दामों के बावजूद पेट्रोल व डीजल के दाम आसमान छु रहे हैं, लेकिन खट्टर सरकार उस बढ़ोतरी को वापस लेने के बजाय जनता पर और भी भारी बोझ लादती जा रही है।

 
 
 
 

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