इंजन व चैसिस नंबर बदलकर ट्रैक्टर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

Edited By Isha, Updated: 22 May, 2019 10:37 AM

explosive gang of tractors selling engine and chassis numbers

सी.आई.ए.-1 की टीम ने ट्रैक्टर के इंजन व चैसिस नंबर बदलकर फर्जी आई.डी. पर डुप्लीकेट आर.सी. तैयार करके ट्रैक्टर को ऊंचे दाम पर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। अभी तक गिरोह में शामिल 6 लोगों

रोहतक (किन्हा): सी.आई.ए.-1 की टीम ने ट्रैक्टर के इंजन व चैसिस नंबर बदलकर फर्जी आई.डी. पर डुप्लीकेट आर.सी. तैयार करके ट्रैक्टर को ऊंचे दाम पर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। अभी तक गिरोह में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरोह द्वारा अन्य वारदातों बारे भी खुलासा होने की उम्मीद है। मामले की गहनता से जांच जारी है। अपराध शाखा प्रथम निरीक्षक बिजेन्द्र भंडारी ने बताया कि गांव गिगोरानी जिला सिरसा निवासी अनिल ने नरेश निवासी सैमाण, हरजीत निवासी मुसैली, खुशीराम, प्रह्लाद व अन्य के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी जिसके बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। शुरूआती जांच में सामने आया कि ऑटो मार्कीट फतेहाबाद में प्रत्येक रविवार ट्रैक्टरों के सेल-परचेज का खुला बाजार लगता है।

ऑटो मार्कीट में हरजीत निवासी मुसैली जिला फतेहाबाद की दुकान है। 10 मार्च को हरजीत ने अपने साथी खुशीराम व प्रह्लाद के साथ मिलकर अनिल निवासी गिगोरानी को एक ट्रैक्टर बेच दिया। जो मौके पर ट्रैक्टर बेचने वाले नरेश व दिलबाग भी मौजूद थे। ट्रैक्टर का सौदा 5 लाख 90 हजार रुपए में तय हुआ। अनिल ने मौके पर ही ब्याने के 50 हजार रुपए दे दिए तथा बाकी रुपए बाद में देने की बात हुई तथा ट्रैक्टर अपने साथ ले गया। आर.सी. पर ट्रैक्टर मालिक का नाम राजबीर निवासी बनवासा जिला सोनीपत अंकित था। आर.सी. पर ट्रैक्टर का रंग सफेद व ग्रे लिखा था। 18 मार्च को हरजीत अपने साथियों के साथ पैसे लेने अनिल के घर पहुंचा तो अनिल ने आर.सी. ठीक करवाने के बाद बकाया रकम देने देने की बात कही क्योंकि आर.सी. पर ट्रैक्टर का रंग अलग था। हरजीत व उसके साथी अनिल को धमकी देकर वापस आ गए। 23 मार्च को महम थाना पुलिस ने ट्रैक्टर चोरी के मामले में अनिल को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया।  पुलिस द्वारा अनिल से पूछताछ पर महम थाना में दर्ज ट्रैक्टर चोरी का मामला फर्जी पाया गया। अनिल को अदालत से डिस्चार्ज कराया गया। जांच में सामने आया कि विकास निवासी गांव खरकड़ा ने ट्रैक्टर स्वराज 855 रंग लाल व सफेद महम एजैंसी से 1 लाख 70 हजार रुपए जमा करवाकर खरीदा था। विकास ने ट्रैक्टर अपने साथी गांव भैणी चन्द्रपाल निवासी राहुल को दे दिया।

राहुल ने ट्रैक्टर 3 लाख 40 हजार रुपए में नरेश निवासी सैमाण को बेच दिया। नरेश ने उक्त ट्रैक्टर को हरजीत के पास फतेहाबाद भेज दिया। हरजीत ने ट्रैक्टर के इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर बदल दिए। रामपाल निवासी महम ने फर्जी कागजातों के आधार पर ट्रैक्टर की डुप्लीकेट आर.सी. तैयार करवा दी।  ट्रैक्टर की आर.सी. गांव बनवासी जिला सोनीपत निवासी राजबीर पुत्र चन्द्रभान के नाम से बनाई गई। जांच करने पर पाया गया कि गांव बनवासी में इस नाम को कोई व्यक्ति रहना नहीं पाया गया। आरोपियों ने धोखाधड़ी करके तथा मिलीभगत से ट्रैक्टर को अनिल को 5 लाख 90 हजार रुपए में बेच दिया। सेल-परचेज में गवाह के तौर पर खुशीराम निवासी फतेहाबाद शामिल रहा जिसे कमीशन के तौर पर 5 हजार रुपए मिले हैं।

अनिल द्वारा आर.सी. की जांच करने पर आरोपियों के फर्जीवाड़े के पता चला। अनिल पर दबाव बनाने के लिए विकास निवासी खरकड़ा ने 20 मार्च को ट्रैक्टर चोरी का झूठा मुकद्दमा अनिल के खिलाफ थाना महम में दर्ज करवाया। स.उप.नि. सुशील कुमार के नेतृत्व में सी.आई.ए.-1 की टीम ने मामले में शामिल रहे सैमाण निवासी नरेश व खरकड़ा निवासी विकास को 12 अप्रैल तथा फतेहाबाद निवासी खुशीराम को 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया है। 20 मई को छापेमारी करते हुए सी.आई.ए.-1 की टीम ने महम से आरोपी रामपाल, हरजीत व प्रह्लाद को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को पेश अदालत किया गया।  आरोपी प्रह्लाद को अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। आरोपी हरजीत व रामपाल को पुलिस रिमांड पर हासिल किया है। आरोपियों से गहनता से पूछताछ जारी है। 
 

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