Edited By Updated: 08 Feb, 2016 06:51 PM
पीजीआई और हडताल का पुराना नाता है। यहां कभी डाक्टर हडताल पर चले जाते हैं तो कभी सुरक्षाकर्मी। इस
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : पीजीआई और हडताल का पुराना नाता है। यहां कभी डाक्टर हडताल पर चले जाते हैं तो कभी सुरक्षाकर्मी। इस बार यहां पर ठेके पर काम करने वाले फार्मासिस्ट हडताल पर चले गए हैं। इससे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। फार्मासिस्ट का आरोप है कि पिछले दो महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है। कई बार अधिकारियों से भी मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ, इसलिए मजबूरन हडताल करनी पडी।
पीजीआई मेडिकल में हर रोज करीब छह हजार मरीज आते हैं। मुख्यमंत्री मुफ्त दवा योजना के तहत उन्हें यहां के काऊंटर से दवाएं दी जाती हैं,लेकिन ठेके पर दवा वितरण के कार्य में लगे 69 फार्मासिस्ट और काऊंटरमैन के साथ ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। पिछले दो महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा। जो वेतन दिया जाता है,उसमें भी ठेकेदार कटौती कर रहा है। इसे लेकर कर्मचारियों ने रोष स्वरूप आज से हडताल शुरू कर दी और कहा कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
इस हडताल के चलते पीजीआई में व्यवस्था गडबडा गई। लम्बी-लम्बी लाइनों में घंटों खडे होने के बाद मरीजों को दवाइयां दी जा रही हैं। इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। हडताल पर गए फार्मासिस्ट का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रबंधन को इस बारे में अवगत कराया था,लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अब उनकी मांग यही है कि उन्हें बकाया वेतन तुरंत दिया जाए और डीसी रेट पर ही दिया जाए। ठेकेदार वेतन के मामले में जो मनमानी कर रहा है,उस पर अंकुश लगाया जाए।