आखिर कब शुरू होगा आयुर्वेदिक कालेज,2012 में की थी घोषणा

Edited By Deepak Paul, Updated: 18 Mar, 2019 12:42 PM

when will finally start ayurvedic college in 2012 announcement

गत कांग्रेस सरकार के समय 2012 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने स्थानीय विधायक...

नारनौल (संतोष): गत कांग्रेस सरकार के समय 2012 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने स्थानीय विधायक तथा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र सिंह के कहने पर शहर के पास के गांव पटीकरा में 21 एकड़ जमीन पर एक आयुर्वैदिक कालेज की आधारशिला रखते हुए इसे जल्द शुरू करने का भरोसा दिलाया था। कांग्रेस सरकार तो 2 साल बाद चली गई तथा जाते-जाते इस कालेज का निर्माण कार्य भी तेज गति से शुरू करवा दिया लेकिन यहां के आम लोगों के लिए यह केवल सपना ही साबित हुआ है।

गत सरकार जाने के बाद वर्तमान सरकार के समय इस कालेज को सिरे चढ़ाने के काम में मानो ग्रहण ही लग गया हो। आज यहां कालेज बनना तो दूर आयुर्वैदिक अस्पताल में भी स्टाफ की भारी कमी के चलते अस्पताल पंगु बनकर रह गया है। अस्पताल में आयुर्वैदिक चिकित्सकों के अलावा फार्मेसिस्ट तथा अन्य स्टाफ की भारी कमी चल रही है। 

देरी से शुरू हुआ अस्पताल
आयुर्वैदिक कालेज बनाने से पूर्व यहां एक आयुर्वैदिक अस्पताल चलना चाहिए। इसके 2 या 3 साल बाद ही कालेज शुरू किया जा सकता है लेकिन इस भवन के बनने के 1 साल बाद तक यहां अस्पताल नहीं चलाया गया था। यही कारण है कि आज तक यहां कालेज शुरू नहीं हुआ है। इस भवन में अस्पताल की शुरूआत 2014 में हो चुकी थी। आज यहां अस्पताल चल रहा है जिसमें प्रतिदिन लगभग 150 ओ.पी.डी. आ रही हैं। अस्पताल खोलने के बाद इसमें सरकार ने स्टाफ तक पूरा नहीं भेजा है। 

भवन तो है लेकिन स्टाफ नहीं है
आयुर्वैदिक कालेज तथा अस्पताल के लिए पूरा भवन बनकर तैयार हुए 5 साल हो गए हैं। इसके बाद आज तक स्टाफ नहीं होने के कारण मरीजों को सभी सुविधाएं नहीं मिलने से मरीज यहां आकर संतुष्टï नहीं होते। अस्पताल में विशेषज्ञों का भारी अभाव है। अस्पताल में 7 पद विशेषज्ञों के तथा सात ही पद चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत हैं लेकिन यहां पर केवल एक ही पद पर विशेषज्ञ है तथा एक पद पर चिकित्सा अधिकारी है। 14 में से 12 पद खाली हैं। इसके अलावा डिस्पैंसरी के कुल 7 पदों में सभी पद खाली हैं। डिस्पैंसरी के लिए 3 पदों पर अधिकारी डैपुटेशन पर आए हुए हैं, जो कि कभी भी अपने मूल स्थान पर जा सकते हैं। 

जिलाभर में अधिकांश पद खाली हैं
आयुर्वैदिक विभाग की लापरवाही समझें या इस क्षेत्र की उपेक्षा समझें, जिला भर में आयुर्वैदिक विभाग के अधिकांश पद खाली हैं। जिला में आयुर्वैदिक चिकित्सकों के 33 पद तथा फार्मेसिस्टों के 32 पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल 13 पद चिकित्सा अधिकारियों व 11 पद फार्मेसिस्ट कार्यरत हैं। शेष सभी पद लम्बे समय से खाली हैं। यही कारण है कि जिले में आयुर्वैदिक सेवाएं लगभग ठप्प होकर रह गई हैं। इसके साथ ही ग्रामीण अंचल के सी.एच.सी. पर चिकित्सा अधिकारियों व फार्मेसिस्टों के अभाव में लोग आयुर्वैदिक सुविधाएं लेने से वंचित चले आ रहे हैं। यहां तक कि जिला में आयुर्वैदिक जिला अधिकारी का पद भी खाली है। रेवाड़ी के जिला आयुर्वैदिक अधिकारी को यहां का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। 

यह कहना है अधिकारी का
जिला में उसे जिला आयुर्वैदिक अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। जिला भर में चिकित्सकों के अधिकांश पद खाली हैं। प्रदेश आयुर्वैदिक विभाग से बार-बार मांग करने के बावजूद आज तक अधिकारियों का भारी अभाव है। आयुर्वैदिक कालेज कब शुरू होगा, इसका फैसला तो हरियाणा सरकार को ही करना है।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!