Edited By kamal, Updated: 20 Apr, 2019 01:59 PM
स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रदेश सरकार से मांग की कि असमय बरसात से हरियाणा...
महेंद्रगढ(मोहन): स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रदेश सरकार से मांग की कि असमय बरसात से हरियाणा में किसानों की फसलों को 3 तरह से हुए नुक्सान की भरपाई के लिए मुआवजा दे। विद्रोही ने कहा कि असमय बरसात से मंडियों में बेचने के लिए सरसों व गेहूं भीग गया जिसके कारण सरकारी खरीद एजैंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इन फ सलों को नहीं खरीदेगी और जब तक किसान अपनी सरसों व गेहूं की फसल को सुखाएगा, तब तक किसान को काफी नुक्सान हो चुका होगा।
सवाल उठता है कि मंडियों में किसानों के खुले में पड़े गेहूं व सरसों भीगकर खराब होने की जिम्मेदारी किसकी है।किसान तो सरकार की घोषणा अनुसार अपनी फ सल बेचने के लिए मंडियों में ले आया और यदि मंडियों में किसान की खुले में पड़ी फ सल को बरसात, आंधी, ओलो से बचाने की समुचित व्यवस्था नहीं है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की नहीं तो किसकी है। विद्रोही ने कहा कि इसी तरह खेतों में जो गेहूं की फ सल पड़ी थी, बरसात से वह भीगकर खराब हो गई।
वहीं जो गेहूं की फ सल कटने को तैयारी थी पर किसान कटाई नहीं कर पाया था, उसमें भारी नुक्सान हुआ है। इस तरह किसान को 3 तरफ नुक्सान हुआ है, जिसमें किसान की कोई गलती नहीं है। विद्रोही ने मांग की कि पूरे प्रदेश में मंडियों में बिक्री के लिए गई सरसों व गेहूं की फसल बरसात से भीगने से खराब हुई है, उस सारी फ सल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी एजैंंसियां बिना ना-नुकर के खरीदें। वहीं, खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फ सल व गेहूं की पककर तैयार खड़ी फसल का वर्षा से जो नुक्सान हुआ है, उसकी एक दिन में तत्काल विशेष गिरदावरी करवाकर फसल बर्बादी का पूरा मुआवजा किसान को दिया जाए।