Edited By Shivam, Updated: 15 Sep, 2019 03:21 PM
प्रदेश सरकार एक ओर बिजली उपभोक्ताओं को आधी दर पर बिजली मुहैया करवाए जाने का दम भर रही है, वहीं दूसरी ओर मीटर रीडर की कार्यप्रणाली बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है जिसके चलते उन्हें बिजली की आधी दर का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कनीना (विजय): प्रदेश सरकार एक ओर बिजली उपभोक्ताओं को आधी दर पर बिजली मुहैया करवाए जाने का दम भर रही है, वहीं दूसरी ओर मीटर रीडर की कार्यप्रणाली बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है जिसके चलते उन्हें बिजली की आधी दर का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उपभोक्ता मुख्यमंत्री पर वायदाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं।
देखा जाए तो कनीना उपमंडल के विभिन्न गांवों में हजारों की संख्या में बिजली उपभोक्ता हैं। उनका कहना है कि मीटर रीडर प्रतिमाह साइट पर न जाकर घर बैठकर मनमर्जी मुताबिक यूनिट दर्ज करता है जिससे मीटर द्वारा निकाली गई वास्तविक यूनिट नजरअंदाज हो जाती है। परिणामस्वरूप एक छोटे घरेलू उपभोक्ता को अधिक बिजली बिल आता है ओर अधिक बिजली यूनिट इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता को कम राशि का बिल मिलता है।
मनमर्जी मुताबिक रीङ्क्षडग भरने से उपभोक्ताओं के बिलों में अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं, जिसे ठीक कराने के लिए वे बिजली निगम कार्यालय में अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। बिजली मीटर रीडर की घटिया कार्यप्रणाली का खमियाजा उपभोक्ता भुगतने को मजबूर हैं। बिजली उपभोक्ताओं ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार एक ओर जन कल्याणकारी नीतियों का प्रचार करते नहीं थक रही, वहीं दूसरी ओर मीटर रीडर की ओर से सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जिसका शिकार आम जनता हो रही है। उपभोक्ताओं ने मीटर रीडर के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने करने की मांग की है।
गांव रसूलपुर, कनीना, मोहनपुर, गुढ़ा, केमला, बूचावास, पाथेड़ा, धनौंदा के अधिकांश बिजली मीटर उपभोक्ताओं ने मीटर रीडर पर निष्ठापूर्वक कार्य न करने के आरोप लगाए हैं। एक मध्यम वर्गीय बिजली उपभोक्ता का एक माह के दौरान 700 यूनिट कंज्यूम होना दिखाई गई हैं। जबकि इससे पूर्व 89 व 60 यूनिट निकली हुई दर्शाई गई जिनका बिल अदा किया गया। मीटर रीडर की मनमानी का शिकार हुए उपभोक्ताओंं ने इसकी शिकायत बिजली निगम के एम.डी. व निदेशक को भेजी है।