Edited By kamal, Updated: 20 May, 2019 03:28 PM
क्षेत्र के गांवों से शहर में आने वाले विद्यार्थियों व लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। हालात ऐसे हैं...
बहादुरगढ़: क्षेत्र के गांवों से शहर में आने वाले विद्यार्थियों व लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। हालात ऐसे हैं कि पढ़ाई से ज्यादा सफर की ङ्क्षचता सताती है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों से विद्यार्थी सैंकड़ों की संख्या में शहर के स्कूलों व कालेज के अलावा अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए आते हैं। वहीं इतनी ही संख्या में महिलाएं व पुरुष भी अपने रोजमर्रा के कामों के सिलसिले में यहां आते हैं लेकिन सुबह के समय शहर आने और दोपहर को वापस जाने के समय विद्यार्थियों को जो परेशानी उठानी पड़ती है वह उनकी पढ़ाई पर भी भारी पड़ती है।
सुबह तो गांव के बस स्टैंड पर खड़े विद्यार्थी समय पर बस न पहुंचने से परेशान रहते हैं और बाद में भीड़ के कारण बस में सफर मुश्किल से हो पाता है। बस की खिड़कियों और छतों पर विद्यार्थियों को खतरे के साए में सफर करते देखा जा सकता है। क्षेत्र के गांव दुल्हेड़ा, डाबोदा, नूना माजरा, लोवा खुर्द, छुड़ानी, बुपनिया के अलावा आसौदा, जसौर खेड़ी व निलोठी के निवासी सुशील, जसबीर, शिव, रमेश, अजय, अंकित व रमन ने बताया कि एक तो बसें समय पर नहीं चलती दूसरा इनमें कई बार खराबी आ जाती है।
इसके अलावा बसों की संख्या कम होने के कारण परेशानी होती है। सुबह के समय यात्रियों की संख्या भी ज्यादा हो जाती है। ऐसे में उनके लिए बस में सवार होना आसान नहीं होता। बार-बार शिकायतों के बावजूद भी बसों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही।