विकास की बलि चढ़े सैंकड़ों पेड़, जल स्तर खतरे की घंटी बजा रहा

Edited By Deepak Paul, Updated: 06 May, 2018 11:43 AM

hundred of cut trees

दक्षिण हरियाणा में यदि विकास के नाम पर पेड़ों का अंधाधुंध कटान व मिट्टी खनन का कार्य जारी रहा तो इस क्षेत्र में आने वाली पीढिय़ां पेड़, पशु-पक्षी देखने को तरसेंगी और विरासत में बंजर जमीन और कड़वा पानी ही मिलेगा। दक्षिण हरियाणा में भू-जलस्तर खतरे की...

महेन्दगढ़(जगदीश): दक्षिण हरियाणा में यदि विकास के नाम पर पेड़ों का अंधाधुंध कटान व मिट्टी खनन का कार्य जारी रहा तो इस क्षेत्र में आने वाली पीढिय़ां पेड़, पशु-पक्षी देखने को तरसेंगी और विरासत में बंजर जमीन और कड़वा पानी ही मिलेगा। दक्षिण हरियाणा में भू-जलस्तर खतरे की घंटी बजा रहा है, वहीं पिछले काफी समय से रोक के बावजूद महेन्द्रगढ़ क्षेत्र के पाली में स्थित केन्द्रीय यूनिवॢसटी में रेत का खनन जारी रहने के कारण सैंकड़ों पेड़ों का अस्तित्व न केवल खतरे में बल्कि इस अवैध खनन माफिया ने सैंकड़ों पेड़ों को सूखा कर बेच डाला। 

महेन्द्रगढ़ क्षेत्र में पेड़ों का आलम यह है कि जहां समूचे प्रदेश में वन क्षेत्र लगभग 3 फीसदी है, वहीं महेन्द्रगढ़ में यह पौने दो फीसदी और दक्षिण हरियाणा में मात्र एक फीसदी के ही लगभग है।  महेन्द्रगढ़ जिला में पिछले कई साल से पड़ों के कम होने के कारण बरसात भी औसत से कम होने लगी है और भू-जल स्तर और अधिक गिरना तय है। 

अत्यधिक खनन ने बिगाड़ा वन संतुलन 
दक्षिण हरियाणा में लगभग पिछले 4 साल से खनन कार्य बंद है, इसके बावजूद भी रेत का खनन आज भी जारी है और इसका परिणाम है कि सैंकड़ों पेड़ अवैध खनन की भेंट चढ़ गए। इस क्षेत्र में कई अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों ने 24-24 घंटा लगातार खनन करके वन सम्पदा को तहस नहस कर दिया और अब रही सही कसर सरकारी विभाग व शिक्षण संस्थान पूरी करने में जुटे।  जिसमें महेन्द्रगढ़ में केंद्रीय यूनिवॢसटी में बिना किसी की अनुमति के मिट्टी के अवैध खनन से सैंकड़ों पेड़ सुखा दिए हैं। इसके साथ साथ समूचे जिला में अवैध खनन का कार्य आज भी जारी है।

वन संरक्षण अधिनियम के कोई मायने नहीं
वन एवं पर्यावरण अधिनियम के अनुसार पेड़ों के संरक्षण के लिए तय किया था कि अगर किसी सरकारी रास्ते, सरकारी सरकारी संस्थान या जलघर आदि के लिए पेड़ काटे जाते हैं तो उतने ही पेड़ों के लिए संबंधित राज्य सरकार अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण करके वन विभाग को देगी जिस पर पेड़ लगाए जा सकें। 

नहीं हो रही न्यायालय के आदेशों की पालना
प्रदेश में 4 वर्ष पूर्व मिट्टी के अवैध खनन पर माननीय उच्च न्यायालय ने पूर्ण रूप से रोक लगाने के बाद प्रदेश सरकार ने स्थानीय पुलिस को व खनन विभाग को आदेश दिए गए थे कही भी अवैध खनन का कार्य न हो लेकिन पहाड़ों का तो अवैध खनन रोक दिया जबकि मिट्टी का अवैध खनन आज भी जारी रहने के कारण महेन्द्रगढ़ क्षेत्र में लगातार पेड़ों का गिरना जारी है। इस ओर न तो खनन विभाग ध्यान दे रहा है और न ही स्थानीय पुलिस जिसके चलते खनन माफिया उच्च न्यायालय के आदेशों की परवाह किए बैगर अवैध खनन का कार्य जारी है। 

क्या कहना है एस.डी.एम. का 
 इस विषय में महेन्द्रगढ़ के एस.डी.एम. उत्तम सिंह का कहना है कि पेड़ों को काटना  कानूनी अपराध है और इसी प्रकार से पेड़ों की कटाई जारी रही तो इस क्षेत्र में पीने के पानी की विकट समस्या आ जाएगी। उनका कहना है कि वे इस मामले में वन विभाग को तथा खनन विभाग को कहेंगे कि जहां जहां मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है वहां वहां नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाए और न्यायालय के आदेशों की पालना होगी। 

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