फसलों के अवशेष जलाने वाले गांवों का दौरा करेंगे एस.डी.एम.

Edited By Deepak Paul, Updated: 23 Sep, 2018 01:04 PM

sdm will visit villages burning the crops

मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिन गांवों में पिछले 2 वर्ष के दौरान धान की पराली अथवा फसलों के अवशेष जलाने का इतिहास है, उनमें संबंधित एस.डी.एम. विशेष रूप से दौरा करें और पंचायतों तथा सरपंचों से तालमेल...

चंडीगढ़(पांडेय): मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिन गांवों में पिछले 2 वर्ष के दौरान धान की पराली अथवा फसलों के अवशेष जलाने का इतिहास है, उनमें संबंधित एस.डी.एम. विशेष रूप से दौरा करें और पंचायतों तथा सरपंचों से तालमेल करके उन्हें समझाएं कि फसल अवशेषों को न जलाने दें। उन्होंने कहा कि इस बार एस.डी.एम. की ए.सी.आर. में यह विशेष रूप से उल्लेख किया जाएगा कि वह पराली अथवा फसल अवशेष न जलाने में ग्रामीणों को प्रेरित करने में कितना सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऐसे 30 गांवों की पहचान की गई है जहां पिछले 2 वर्षों का फसल अवशेष जलाने का इतिहास है और इन गांवों के नाम संबंधित जिला उपायुक्तों को भेजे जा चुके हैं। कृषि अधिकारियों के साथ-साथ उपायुक्त भी ग्रामीणों को फसल अवशेष न जलाने को प्रेरित करने के कार्य में रुचि लें। 

मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी धान उत्पादन वाले क्षेत्रों में किसानों को धान की कटाई करने तथा फसल अवशेषों को रोटावेटर मशीन से मिट्टी में मिलाने के कार्य का प्रदर्शन करके दिखाएं। उन्होंने यह भी कहा कि धान कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एस.एम.एस. (स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम) यंत्र अटैच करना अनिवार्य है। जो कंबाइन संचालक ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इस बार धान के अवशेषों को आग लगाने की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। इसे सफल बनाने के लिए किसानों का भी पूरा सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट से भी निगरानी रखी जाएगी।

उन्होंने बताया कि फसल कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एस.एम.एस. (स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम) उपकरण अटैच करना अनिवार्य किया गया है। कंबाइन के साथ यह यंत्र न लगाने वाले कंबाइन मालिकों पर जुर्माना किया जाएगा। 

धान बिजाई वाले गांवों की निगरानी करने के आदेश 
उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान बिजाई वाले सभी गांवों में 22 सितम्बर से 5 अक्तूबर तक विशेष निगरानी रखी जाए और ग्रामीणों को समझाया जाए कि  फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में उपलब्ध मित्र कीट मर जाते हैं। अधिकारी कार्यक्रम में किसानों की रुचि पैदा करते हुए उन्हें पे्ररित करें कि वे मन से फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाएं। 
कृषि विभाग के निदेशक डी.के. बहेड़ा  ने मुख्य सचिव को बताया कि धान बिजाई वाले प्रत्येक गांव में होॄडग्स सार्वजनिक भवनों पर लगवाए गए हैं जिन पर फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी प्रकाशित की गई है। इन्हें पढ़कर भी किसान अवशेष प्रबंधन के लिए प्रेरित होंगे। 

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