रिफाइनरी हादसे में मृतक के परिजनों ने किया हंगामा

Edited By Deepak Paul, Updated: 18 Mar, 2019 01:17 PM

released in the refinery accident

इंडियन ऑयल कार्पाेरेशन रिफाइनरी में गैस लीकेज होने से शनिवार को लगी आग में जलने से मृत्यु का शिकार...

पानीपत/ददलाना(संजीव/पुरुषोत्तम): इंडियन ऑयल कार्पाेरेशन रिफाइनरी में गैस लीकेज होने से शनिवार को लगी आग में जलने से मृत्यु का शिकार बने इलैक्ट्रीशियन के परिजनों ने रविवार को सिविल अस्पताल में पहुंचकर 4 घंटे तक हंगामा किया व पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव लेने से इंकार कर दिया। परिजनों का आरोप है कि रिफाइनरी अधिकारियों ने मामले को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा व उसके बाद अस्पताल में आना भी जरूरी नहीं समझा।

करीब 4 घंटे बाद रिफाइनरी के अधिकारी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को समझाया। उसके बाद ही परिजन शव लेने पर सहमत हुए। वहीं इस अग्निकांड में गंभीर रूप से जले एक सहायक को निजी अस्पताल के डाक्टरों ने हालत गंभीर होने के चलते रैफर कर दिया है, जिसे परिजन दिल्ली सफदरगंज अस्पताल ले गए हैं। घटना की सूचना मिलते ही सिविल अस्पताल पहुंची पुलिस ने मृतक के भाई के बयानों के आधार पर यूनिट इंचार्ज, रिफाइनरी मैनेजमैंट व बिजली कम्पनी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। 

गांव कुरलन जिला करनाल निवासी सोहन लाल ने पुलिस को बताया कि रिफाइनरी में कच्चे तेल की सफाई के लिए बनी सी.डी.यू.-वी.डी.यू. यूनिट पिछले लगभग एक महीने से बंद पड़ी हुई थी। जिसकी मुरम्मत के लिए पिछले 15-20 दिनों से साफ सफाई व मरम्मत का काम चल रहा था। शनिवार को देर रात्रि कम्पनी ने गैस लीकेज की जांच किए बिना ही उक्त यूनिट को कम्पनी के हवाले कर दिया। इसके बाद जैसे ही देर रात्रि फोरमैन एम.एस. खेरकर ने अपने दो सहायकों दीपक निवासी गीता कालोनी पानीपत व मोहन लाल निवासी गांव कुरलन जिला करनाल के साथ यूनिट को चलाने का प्रयास किया तो अचानक से उक्त हादसा हुआ है। हादसे में दोनों सहायकों के अलावा आई.ओ.सी.एल. का एक कर्मी भी झुलसा है।

बाद में ज्यादा जलने की वजह से मोहन लाल की मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पानीपत पहुंचाया गया जबकि घायलों को नीजि अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां से रविवार को दीपक की हालत गंभीर होने के चलते उसे रैफर कर दिया गया। जिसे परिजन दिल्ली सफदरगंज अस्पताल ले गए हैं। सोहन लाल का आरोप है कि यह हादसा यूनिट इंचार्ज, रिफाइनरी मैनेजमैंट व जय ज्योति इलैक्ट्रिकल कम्पनी की लापरवाही से हुआ है। अगर यूनिट को ट्रायल पर लेने से पहले गैस लीकेज जांच ली जाती तो हादसे को टाला जा सकता था। सोहन लाल ने पुलिस को आगे बताया कि उसका भाई पिछले 3 माह से जय ज्योति कम्पनी में ही काम करता था तथा अविवाहित था। वह उसका इकलौता भाई था।

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