हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार की याचिका पर सरकार को नोटिस जारी

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 30 Oct, 2018 10:54 AM

notice to the government on the petition of political adviser

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे वीरेंद्र सिंह की ओर से हरियाणा सरकार और जस्टिस एस.एन. झा कमीशन को पार्टी बनाते हुए दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार....

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे वीरेंद्र सिंह की ओर से हरियाणा सरकार और जस्टिस एस.एन. झा कमीशन को पार्टी बनाते हुए दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को 30 अक्तूबर के लिए नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता की कोर्ट में हरियाणा सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल विशाल गर्ग ने नोटिस स्वीकार किया।

हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें स्वतंत्रता है कि वह चीफ सैक्रेटरी और डी.जी.पी. हरियाणा से निर्देश प्राप्त कर मामले की जांच स्थिति के बारे में जानकारी दें, यदि वह लंबित हैं। साथ ही बताएं कि कमीशन के गठन की क्या आवश्यकता थी। वीरेंद्र सिंह ने याचिका में मांग की है कि कमीशन द्वारा जो जांच की गई है, उसका रिकॉर्ड प्रदान किया जाए। वहीं, 8 अप्रैल 2016 की उस नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए, जिसमें हरियाणा सरकार ने सम्बंधित कमीशन का जांच के लिए गठन किया था। वहीं, इस दिशा में की गई सारी जांच रद्द की जानी चाहिए, साथ ही मांग रखी गई है कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 के तहत जारी धारा 8बी का नोटिस भी रद्द किया जाए, जो याची को 16 अक्तूबर को दिया गया था।

इसके अलावा कमीशन को आदेश दिए जाएं कि यदि कोई रिपोर्ट तैयार की गई है तो उसमें याची को शामिल न करे, क्योंकि उन्हें कोई प्रभावी अवसर अपना पक्ष रखने के लिए नहीं दिया गया। इसके अलावा वैकल्पिक रूप से मांग रखी गई है कि कमीशन को आदेश दिए जाए कि याची को उन गवाहों के क्रॉस एग्जामिन का मौका दिया जाए, जिन्होंने उसके सम्बंध में बयान दर्ज करवाए हैं। इससे पहले भी वीरेंद्र सिंह ने सम्बंधित मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसका हाईकोर्ट ने निपटारा करते हुए कमीशन को आदेश दिए थे कि याची को धारा 8बी के तहत नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का मौका प्रदान किया जाए।

याची के वकील ने कहा कि लूटपाट-आगजनी की घटनाओं में रोहतक थाने में सम्बंधित केस दर्ज हुआ था। मामले की जांच अभी तक लंबित है। जांच के लिए एस.आई.टी. का भी गठन किया गया था। अभी तक वह मामले की जांच कर रही है। इस मामले में 25 फरवरी 2016 को प्रकाश सिंह कमेटी का गठन हुआ था जिसने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए उच्च स्तरीय पुलिस अफसरों व राज्य प्रशासन को भी रिपोर्ट में इंगित किया था। 

याची ने एस.एन. झा कमीशन के गठन को चुनौती देते हुए कहा कि इस कमीशन को इसलिए गठित किया गया, ताकि प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट की फाइंङ्क्षडग्स को दरकिनार किया जा सके। एस.आई.टी. की जांच लंबित रहते हुए कमीशन गठित करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि कमीशन की सारी कार्रवाई एफ.आई.आर. पर आधारित है।
 


 
 

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