Edited By Rakhi Yadav, Updated: 14 Jul, 2018 10:01 AM
हरियाणा सरकार सवा 6 लाख ट्यूबवैल कनैक्शनों पर दी जाने वाली बिजली की 7200 करोड़ रुपए सबसिडी को बचाने की योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयासों में जुटी है। अगर यह योजना सिरे चढ़ती है तो प्रदेश ...
चंडीगढ़(बंसल): हरियाणा सरकार सवा 6 लाख ट्यूबवैल कनैक्शनों पर दी जाने वाली बिजली की 7200 करोड़ रुपए सबसिडी को बचाने की योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयासों में जुटी है। अगर यह योजना सिरे चढ़ती है तो प्रदेश के ट्यूबवैल कनैक्शन सौर उर्जा प्रणाली से चलेंगे। यह योजना अभी तक इसलिए सिरे नहीं चढ़ पाई है क्योंकि किसान अपने खर्चें से सौर उर्जा आधारित ट्यूबवैलों को लगाने के लिए तैयार नहीं है।
इस योजना के चलते 30 हजार के करीब नए ट्यूबवैल कनैक्शन भी लंबित पड़े हैं। इस योजना के क्रियांवन होते ही नए ट्यूबवैल कनैक्शनों को जारी कर दिया जाएगा। राज्य में कुल बिजली का 30 फीसदी हिस्सा इन ट्यूबवैल पर खर्च होता है।
राज्य सरकार अब इन ट्यूबवैल को सोलर ऊर्जा उपकरणों पर लाने के लिए प्रयासरत है। इस संबंध में पिछले दिनों एक बैठक भी हुई है। जल्द ही तमाम पहलुओं पर बातचीत कर इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रदेश सरकार किसानों को सस्ती बिजली देती है और इस सबसिडी का बजट 7 से साढ़े 7 हजार करोड़ का है।