बड़ा सवाल: NCR में मोबाइल चला रहे रोहिंग्याओं के फ़ोन नंबर किस कागजात पर हुए जारी?

Edited By Shivam, Updated: 03 Aug, 2018 10:28 PM

which papers has used to issuing mobile number for rohingya muslims

संसद और देशभर में असम के 40 लाख लोगों के एनआरसी में नाम ना आने को लेकर बेशक बहस छिड़ी हो, और बहस के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा राज्यों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों को ऊपर कारवाई के लिए एडवाइजरी जारी करने करने का संसद में...

फरीदाबाद(देवेन्द्र कौशिक): संसद और देशभर में असम के 40 लाख लोगों के एनआरसी में नाम ना आने को लेकर बेशक बहस छिड़ी हो, और बहस के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा राज्यों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों को ऊपर कारवाई के लिए एडवाइजरी जारी करने करने का संसद में बयान दे चुके हैं, लेकिन फरीदाबाद में म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमान बसे हुए हैं जो यहां पिछले 5 साल से लगातार झुग्गी डालकर रह रहे हैं। गरीब परिवार रोहिंग्या मुसलमानों के ऐसे हैं जो अपनी गुजर-बसर कचरा बीन कर कर रहे हैं। इनके पास हाई कमिश्नर द्वारा जारी किए गए रिफ्यूजी कार्ड भी हैं।

PunjabKesari

यह लोग करीब 5 साल पहले बर्मा, म्यांमार से बुलाने के बाद भारत में शरण लेकर आये थे, जहां से उन्हें फरीदाबाद में भेज दिया और तभी से यह निजी मालिक की जमीन पर किराया देकर झुग्गी बनाकर रह रहे हैं और अपनी गुजर-बसर करने के लिए कचरा बीनने का काम करते हैं। 100 से ज्यादा सपरिवार इन झुग्गियों में यहां रह रहे हैं। हालांकि इनमें से दो चार लोगों को नौकरी प्राइवेट कंपनियों में यहां लगे है। रोहिंग्या मुसलमानों के पास हाई कमिश्नर की तरफ से रिफ्यूजी कार्ड भी हैं, जो यहां भारत के कानून को मानने के लिए बाध्य हैं।

PunjabKesari

झुग्गी बनाकर रह रहे रोहिंग्योओं के हाथों में उनके मोबाइल भी हैं और झुग्गियों में बाकायदा कूलर चल रहे हैं। झुग्गियों में गुजर बसर कर रहे यह रोहिंग्या मुसलमान यहां बिजली चोरी कर कूलर चला रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों का साफ तौर पर कहना है कि हमें बर्मा म्यांमार से भगा दिया गया था और उनके परिवारों के कुछ लोग मारे भी गए उसके बाद अपनी जान बचाकर वहां पहुंचे हैं और अपनी गुजर-बसर करने के लिए कचरा बीनने को मजबूर हैं, लेकिन यहां उन्हें दो वक्त की रोटी तो कम से कम नसीब हो रही है और अब तो यहां से जाना भी नहीं चाहते। हालांकि सरकार की तरफ से इन्हें कोई भी ऐसी सुविधा नहीं दी गई है, जिससे कि यह अपनी नागरिकता का भारत में दावा ठोक सकें। लेकिन फिर भी ये यहां पर अड़े हुए हैं।

PunjabKesari

मोबाईल चला रहे रोहिंग्याओं पर सवाल उठता है कि आखिर उनके पास मोबाइल नंबर किस कागजात पर जारी किए गए। इस मामले में एसीपी अमन यादव का कहना है कि पिछले काफी दिनों से रोहिल्ला मुसलमान फरीदाबाद में रह रहे हैं और उनकी समय-समय पर जांच भी की जाती है। अभी तक किसी भी वारदात में इनके शामिल होने की कोई शिकायत नहीं मिली है। इनके पास में रिफ्यूजी कार्ड हैं।जिसके आधार पर यह यहां रह रहे हैं। मोबाइल फोन प्रयोग करने को लेकर उनका कहना है कि इस बात की जांच कराई जाएगी कि आखिर उनके पास में फोन नंबर किन कागजातों के आधार पर मिले हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!