हरियाणा में ‘कोवाक्सिन’ का ट्रायल शुरु, 3 लोगों को दी गई पहली डोज, अनिल विज ने किया ट्वीट

Edited By vinod kumar, Updated: 17 Jul, 2020 03:23 PM

हरियाणा के रोहतक पीजीआई में भारत की कोविड-19 की पहली संभावित वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ का ट्रायल शुरु हो गया है। चिकित्सकों ने 3 वॉलिंटियर को पहली डोज दी, तीनों ही स्वस्थ हैं। वैक्सीन देने के बाद इनके स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है।

रोहतक (दीपक): हरियाणा के रोहतक पीजीआई में भारत की कोविड-19 की पहली संभावित वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ का ट्रायल शुरु हो गया है। चिकित्सकों ने 3 वॉलिंटियर को पहली डोज दी, तीनों ही स्वस्थ हैं। वैक्सीन देने के बाद इनके स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है। 

Human trial with Corona vaccine (COVAXIN) of Bharat Biotech started at PGI Rohtak today. Three subjects were enrolled today. All have tolerated the vaccine very well. There were no adverse efforts.

— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) July 17, 2020


कोवाक्सिन ट्रायल की जानकारी खुद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने लिखा कि भारत बायोटेक के कोरोना वैक्सीन  के साथ मानव परीक्षण आज पीजीआई रोहतक में शुरू हुआ। आज तीन लोगों पर इसे जांचा गया। सभी ने वैक्सीन को बहुत अच्छी तरह से सहन किया है। कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।

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भारत ने कोराना के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने के लिए अपना कदम बढ़ा दिया है। इसको लेकर देश के 3 संस्थानों में ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत हो गई है। इसी कड़ी में रोहतक में स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस में आज 3 वॉलिंटियर को वैक्सीन की ट्रायल डोज दी गई। डॉक्टरों की टीम ने 3 घंटे तक वॉलिंटियर को अपनी निगरानी में रखा और जब सब कुछ सही रहा तो उन्हें घर भेज दिया गया। अब 2 हफ्ते बाद दूसरी डोज इन वॉलिंटियर को दी जाएगी। डॉक्टरों को उम्मीद है कि अच्छे परिणाम सामने आएंगे और जल्दी कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने की वैक्सीन देश में आ जाएगी।

इस बारे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओपी कालरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया की बड़ी खुशी की बात है कि रोहतक पीजीआई में आज से वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है और पहले फेज में तीन वॉलिंटियर को 3 माइक्रोग्राम की डोज दी गई है। फिलहाल 10 वालंटियर का टेस्ट भी जांच के लिए भेजा गया है, अगर उनकी जांच सही पाई जाती है तो कल कुछ ओर वॉलिंटियर को डोज दी जाएंगी। 

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वॉलिंटियर को 3 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया
डोज देने के बाद वॉलिंटियर को 3 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया और जब सब कुछ सही रहा तो उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 10 वॉलिंटियर को यह डोज दी जाएगी और 2 सप्ताह बाद इनको दूसरी डोज दी जाएगी। इसमें यह रिसर्च किया जाएगा कि कितनी एंटीबॉडी तैयार होती है।

दो फेज में होगा ट्रायल
डॉक्टर कालरा का कहना है कि यह ट्रायल दो फेज में होगा। कुल 1125 वॉलिंटियर इसके लिए इनरोल किए जाएंगे और जिन्हें डोज देने के बाद 1, 3 व 6 महीने में यह जांच होगी कि कितनी एंटीबॉडी तैयार होती है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि जिस तरह से एनिमल ट्रायल में परिणाम सही सामने आए हैं, ह्यूमन ट्रायल में भी वैसे ही परिणाम सामने आएंगे और यह वैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित रहेगी। 

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2 से 3 महीने में परिणाम आने शुरू हो जाएंगे
उन्होंने बताया कि ट्रायल 6 महीने में पूरा होगा, लेकिन 2 से 3 महीने में परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। अगर यह वैक्सीन चार गुना एंटीबॉडी बनाने में सार्थक साबित हुई तो ट्रायल सफल माना जाएगा। डाॅ ने कहा कि प्रोजेक्ट के अनुसार जो गाइडलाइन है उसी के मद्देनजर वॉलिंटियर का इंश्योरेंस भी किया गया है। अगर कोई दिक्कत होती है तो उनका फ्री इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी जो 3 वालंटियर को डोज दी गई है वह 30 से 40 साल की उम्र के हैं। यह वैक्सीन किल्ड वायरस से तैयार की गई है जो शरीर पर ज्यादा इफेक्ट नहीं डाल पाएगी।

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