Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Jul, 2017 04:19 PM
अंबाला का राजेश बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का संदेश लेकर दुगर्म परिस्थितियों से लड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी यानि एवरेस्ट पर चढ़कर कुशल
अंबाला(कमलप्रीत सभ्रवाल):अंबाला का राजेश बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का संदेश लेकर दुगर्म परिस्थितियों से लड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी यानि एवरेस्ट पर चढ़कर कुशल मंगल वापिस लौट आए हैं। इस रणबांकुरे ने लगभग 20 घंटों तक मौत को अपने सामने साक्षात बर्फीले तूफान के रूप में जिया है। हारकर मौत राजेश के अटल और बुलंद इरादों के सामने घुटने टेकते हुए वापिस लौट गई।
राजेश ने निभाया इंसानियत का फर्ज
माउंट एवरेस्ट पर बुरी तरह बर्फीले तूफान में फंसे राजेश ने बताया कि तूफान के दौरान उनके ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगभग खत्म हो चुके थे। बर्फीले तूफान में घिरे राजेश के दोस्त मुसीबत में थे ऐसे में राजेश ने अपनी परवाह किए बिना इंसानियत का फर्ज निभाया और अपने दोस्तों को अपना ऑक्सीजन सिलेंडर दे दिया। हालांकि राजेश खुद जख्मी था और उसके पास मात्र आधा सिलेंडर ऑक्सीजन था, लेकिन राजेश ने हिम्मत नहीं हारी और जैसे कैसे वह 28000 फुट की ऊंचाई से बेस कैंप तक पहुंचा। राजेश मानते हैं कि एक बार तो उन्हें यह लगा कि वह बच नहीं पाएंगे। लेकिन आधे अॉक्सीजन सिलेंडर की बदौलत नीचे आकर उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि मानो उन्हें दूसरी जिंदगी मिल गई हो।
अब दुनिया की 7 चोटियों पर फहराएंगे तिरंगा
विकट परिस्थितियों में माउंट एवरेस्ट से वापस आने के बाद राजेश के हौसलों को एक नई उड़ान मिली है। 20 घंटे तक लगातार मौत से जूझने वाले राजेश का नाम अब इंटरनेशनल पर्वतारोहियों की लिस्ट में शामिल हो गया है। उनके जज्बे और हिम्मत को देखते हुए राजेश को अब 7 सम्मिट के लिए चुना गया है, यानी राजेश अब दुनिया की सात सबसे ऊंची दुर्लभ चोटियों पर तिरंगा फहराएंगे।
पहले हरियाणवी, जिनका 7 सम्मिट में हुआ चुनाव
राजेश हरियाणा के पहले पर्वतारोही हैं, जिनका नाम 7 सम्मिट के लिए चुना गया है। राजेश हरियाणा को खेलों की खान यानी गोल्डन स्टेट मानते हैं और वह यह भी मानते हैं कि हरियाणा के खिलाड़ी न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध है। राजेश हरियाणा सरकार से मांग कर रहे हैं कि पर्वतारोहन एक साहसी खेल है इसे भी सरकार बाकी खेलों की तरह बराबर का महत्व दें।
आगे की तैयारी के लिए कर रहे हैं प्रैक्टिस
राजेश अंबाला के नारायणगढ़ के एक छोटे से गांव फतेहपुर 80 के रहने वाले हैं। वह अगली तैयारी के लिए पास के ही मोरनी हिल्स के पहाड़ों पर दिन रात प्रैक्टिस कर रहे हैं। स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि राजेश बचपन से ही होनहार छात्र रहे हैं और आज उन्हें गर्व है कि राजेश उनके स्कूल से पढ़े हैं। स्कूल के प्रिंसिपल और उनके स्कूल का पूरा स्टाफ आज यही दुआ कर रहा है कि राजेश अगली बार जब दुनियां की 7 चोटियों को छूने जाए तो कामयाबी उसके कदम चूमे, ताकि वे देश दुनिया में उनके गांव का नाम रोशन कर सके।