Edited By Shivam, Updated: 29 Dec, 2019 10:21 PM
अगर गरीबी को अभिशाप ना मानकर मेहनत की जाए तो रंग जरुर आता है। ऐसा ही कुछ कैथल के गाँव क्योड़क में एक गरीब परिवार में देखने को मिला। यहां की बेटी प्रियंका ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का एग्जाम क्लियर करते हुए तहसीलदार के पद पर नियुक्ति पाई।
कैथल (जोगिंदर कुंडू): अगर गरीबी को अभिशाप ना मानकर मेहनत की जाए तो रंग जरुर आता है। ऐसा ही कुछ कैथल के गाँव क्योड़क में एक गरीब परिवार में देखने को मिला। यहां की बेटी प्रियंका ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का एग्जाम क्लियर करते हुए तहसीलदार के पद पर नियुक्ति पाई। प्रियंका बेहद ही गरीब परिवार से संबध रखती है और परिवार में वो तीन भाई बहन है, जिनकी परवरिश व शिक्षा अच्छे तरीके से हुई।
प्रियंका ने बताया कि उनके परिवार में सभी की इच्छा थी की हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा लेकर आगे बढ़ें और जिले व प्रान्त का नाम रोशन करे। मेरे पिता जी व बुआ ने मेरी आगे बढऩे में मदद की जिसकी वजह से आज मैं इस मुकाम तक पहुंची हूँ। परिवार में तीनों बच्चो का वहन पिता ने अच्छे से किया और तीनों बच्चो को एक सफल मुकाम प्रदान किया।
प्रियंका के पिता कृषण कुमार ने बताया की उनके परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा मजबूत नहीं है। परिवार का पूरा खर्च इलेक्ट्रॉनिक्स की छोटी सी दुकान से होता है। लेकिन फिर भी बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार ही शिक्षा दी। बच्चों ने ही पूरी मेहनत और लग्न से अपने आप को साबित किया। तीन बच्चो में एक लड़की तहसीलदार, लड़का एमबीबीएस और दूसरा लड़का आईआईटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
प्रियंका व उनके पिता ने कहा कि बेटियों को बोझ ना समझें क्योंकि आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों को बोझ समझा जाता है लेकिन इसके विपरीत लड़कियां घर की लक्ष्मी होती है उनको भी लडकों के बराबर शिक्षा-दीक्षा दें।