ट्रैक्टर पर पाबंदी का मुद्दा पहुंचा लोकसभा, दुष्यंत का दावा-लाखों किसान हो रहे प्रभावित

Edited By Shivam, Updated: 18 Dec, 2018 08:31 PM

issue of tractor ban reached in lok sabha

कृषि कार्यों में उपयोग किए जाने वाला ट्रैक्टर एनसीआर में पाबंदी की वजह से इन दिनों फिर से चर्चा में गया है। इसकी चर्चा खेत-खलिहानों से निकल कर एक बार फिर से लोकसभा की दहलीज को लांघ गई है। हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार...

चंडीगढ़ (धरणी): कृषि कार्यों में उपयोग किए जाने वाला ट्रैक्टर एनसीआर में पाबंदी की वजह से इन दिनों फिर से चर्चा में गया है। इसकी चर्चा खेत-खलिहानों से निकल कर एक बार फिर से लोकसभा की दहलीज को लांघ गई है। हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को किसानों की आवाज को बुलंद करते हुए ट्रैक्टर पर एनसीआर में लगाई पाबंदी का मुद्दा लोकसभा में उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लगाई गई पांबदी को हटाने की मांग करते हुए लाखों किसानों को तुरंत राहत देने को कहा है।

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बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एनसीआर में 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टरों के उपयोग में लाए जाने पर पूर्ण रूप से पांबदी लगाई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने ट्रैक्टर को वाणिज्य वाहनों की श्रेणी में शामिल कर दिया था जिसका विरोध करते हुए सांसद दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर लेकर लोकसभा में पहुंचे थे, सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा था।

जननायक जनता पार्टी नेता व सांसद दुष्यंत चौटाला ने ट्रैक्टर को लेकर एनसीआर क्षेत्र में लगाई गई इस पांबदी का न केवल विरोध किया है, बल्कि इसे किसानों के खिलाफ उठाया गया कदम करार दिया है। दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को नियम 377 के तहत इस मामले को लोकसभा में उठाते हुए कहा कि ट्रैक्टर भारतीय किसानों एक प्रमुख कृषि उपकरण है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान उपज के पूरे दाम न मिलने, कृषि की बढ़ती लागतों और बर्बाद हुई फसलों के लिए पर्याप्त मुआजवे का प्रावधान न होने के चलते भारी संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में एनजीटी द्वारा एनसीआर में 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टर को प्रतिबंधित करने से किसान की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी।

चौटाला ने कहा कि अधिकांश किसान बैंक से कर्ज लेकर कृषि उपज बढ़ाने के लिए ट्रैक्टर खरीदता है और यदि यह ट्रैक्टर 10 वर्ष बाद में उपयोग करने लायक नहीं रहेगा तो कर्ज लेकर किए गए लाखों रूपये के निवेश पर पानी फिर जाएगा और पहले से आर्थिक तंगी की मार झेल रहे किसान की हालत बदतर स्थिति तक पहुंच सकती है।

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सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि  हरियाणा के 22 जिलों में से 14 जिले एनसीआर की श्रेणी में आते हैं यानि कि आधे से अधिक हरियाणा एनसीआर में है। एनसीओर में लाखों किसान ऐसे हैं जिनके पास दस वर्ष से पुराना ट्रैक्टर है और वे नया ट्रैक्टर खरीदने की हालत में नहीं है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के इस फैसले से हरियाणा के 14 जिलों के लाखों किसान प्रभावित होंगे। सांसद दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकारसे मांग की है कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के क्षेत्र में एनजीटी द्वारा 10 वर्ष से पुराने ट्रैक्टर पर लगाई गई पाबंदी को तुरंत वापस लेकर किसानों को राहत प्रदान करे।

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